देश

दिल्ली की जहरीली हवा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: CAQM और CPCB से मांगा जवाब

नई दिल्ली

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट  में सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि सिर्फ रिपोर्ट पर रिपोर्ट जारी करने से हालात नहीं सुधर रहे हैं। कोर्ट ने टिप्पणी की कि ज़रूरत ज़मीन पर प्रभावी कार्रवाई की है, न कि केवल दस्तावेज़ी कदमों की। कोर्ट ने वायु गुणवत्ता को और बिगड़ने से रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी मांगी है। इसके लिए CAQM और CPCB को एक ताज़ा रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।

दिल्ली में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता के बीच सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को प्रदूषण से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि राजधानी में वायु गुणवत्ता की निगरानी करने वाले कुछ मॉनिटरिंग स्टेशन वर्तमान में काम नहीं कर रहे हैं। यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब दिल्ली की हवा सोमवार को ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। दोपहर 1:05 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 304 रिकॉर्ड किया गया।

सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान एक वकील ने बताया कि दिवाली के दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता की निगरानी करने वाले 37 स्टेशनों में से केवल 9 स्टेशन ही कार्यरत थे। वकील ने दलील देते हुए कहा कि जब निगरानी सिस्टम ही सही तरीके से काम नहीं कर रहा, तो यह समझना मुश्किल है कि GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) को कब और कैसे लागू किया जाए। उन्होंने स्थिति को गंभीर बताते हुए शीर्ष अदालत से अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की।

सुनवाई में एक अन्य वकील ने भी यह मुद्दा उठाया कि कई मीडिया रिपोर्ट्स लगातार यह दिखा रही हैं कि मॉनिटरिंग इंडेक्स सही ढंग से काम नहीं कर रहे हैं, जिससे वास्तविक प्रदूषण स्थिति का आकलन बाधित हो रहा है। दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। भारत के चीफ जस्टिस बी.आर. गवई की अगुवाई वाली बेंच ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) से विस्तृत रिपोर्ट माँगी है। कोर्ट ने पूछा है कि वायु प्रदूषण को और खराब होने से रोकने के लिए जमीनी स्तर पर कौन से ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

चीफ जस्टिस ने कहा कि सिर्फ रिपोर्ट पर रिपोर्ट जारी करने से हालात नहीं सुधरेंगे, वास्तविक कार्रवाई दिखनी चाहिए। उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि प्रदूषण नियंत्रण के मौजूदा उपाय प्रभावी नहीं दिख रहे हैं, इसलिए अधिकारियों को तत्काल और सख्त कदम उठाने की ज़रूरत है।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता
सोमवार को राजधानी दिल्ली घनी धुंध की चादर में लिपटी रही और वायु गुणवत्ता ‘बेहद ख़राब’ श्रेणी में दर्ज की गई। सीपीसीबी के ‘समीर’ ऐप के आंकड़ों के मुताबिक, शहर के 28 वायु निगरानी केंद्रों में AQI स्तर 300 से ऊपर रहा, जो ‘बेहद ख़राब’ श्रेणी में आता है। इससे पहले रविवार को भी हालात लगभग ऐसे ही थे। वहीं तीन निगरानी केंद्रों ने हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर (AQI 400 से ऊपर) दर्ज की, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक मानी जाती है।

वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (AQEWS) के अनुसार, रविवार शाम से रात के दौरान उत्तर-पश्चिम दिशा से बहने वाली हवाओं की गति 8 किमी प्रतिघंटा से कम हो गई। हवा की रफ़्तार घटने से प्रदूषक कणों के फैलाव में कमी आई, जिसके कारण प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया है। इसका सबसे ज़्यादा असर श्वसन और हृदय संबंधी रोगियों, बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ सकता है, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ़ की शिकायत बढ़ सकती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button