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हीट वेव से बचाव के लिए जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की, DC बोले- बेवजह घरों से बाहर न निकलें

नूंह 
हीट वेव से बचाव के लिए जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है। इसको लेकर डीसी विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि गर्मी के बढ़ते प्रकोप व संभावित हीट वेव (लू) की स्थिति के मद्देनजर सभी जिलावासियों से अपील की जाती है कि वे जरूरी एहतियात बरतें। बेवजह घर से बाहर न निकलें। सरकार ने इस संबंध में लोगों की सुरक्षा व उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। 

डीसी ने कहा कि सभी व्यक्ति इन गाइडलाइन की अनुपालना करें। बच्चों के ग्रीष्म अवकाश शुरू हो चुके हैं, ऐसे में बच्चों को अनावश्यक रूप से धूप और तेजी गर्मी में बाहर न निकलने दें। छोटे बच्चों को बार-बार पानी और ओआरएस का घोल अवश्य पिलाएं। किसी भी परिस्थिति में बीमार होने पर तुरंत डाक्टर को जरूर दिखाएं। उन्होंने आमजन से अपील की है कि हीट वेव के दौरान विशेष सतर्कता बरतें और स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन जरूर करें। 

डीसी ने कहा कि जिला प्रशासन ने अप्रैल माह में ही विस्तृत योजना बनाकर सभी विभागों को जरूरी दिशा-निर्देश दे दिए थे। अभी जिला में बिजली व पेयजल आपूर्ति के संबंध में भी निर्देश दिए गए हैं कि दोनों विभाग पूरी सतर्कता से कार्य करें, ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो। मुख्यमंत्री ने अपने नूंह दौरे के दौरान भी निर्देश दिए हैं कि पानी के अवैध कनेक्शन जरूर काटे जाएं, ताकि सभी घरों में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो सके। जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से पिछले दिनों करीब 600 अवैध पानी के कनेक्शन काटे भी हैं। प्रशासन का प्रयास है कि सभी लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी व बिजली आपूर्ति हो। 

उन्होंने हीट वेव से बचाव के लिए गाइडलाइन के संबंध में बताया कि बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखा जाए। ये वर्ग हीट वेव के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इन्हें दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक धूप में बाहर न निकलने दें। गर्मी के मौसम में शरीर से पानी की मात्रा तेजी से घटती है, इसलिए सभी व्यक्ति दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी, नींबू पानी, छाछ आदि का सेवन करें। गर्मी के मौसम में हल्के, ढीले और सूती वस्त्र पहनें तथा गाढ़े रंग के कपड़ों से बचें। सिर को टोपी, कपड़े या छतरी से ढककर रखें। यदि अत्यंत आवश्यक हो तभी बाहर जाएं। छायादार स्थानों पर रुकें और बार-बार पानी पीते रहें। दोपहर के समय में खेतों, निर्माण स्थलों या खुले में शारीरिक श्रम करने से बचें। घर में खिड़कियों और दरवाजों को पर्दों से ढकें, ठंडी हवा के लिए पंखों व कूलर का प्रयोग करें। इसी प्रकार खानपान का ध्यान रखें तथा बासी और भारी भोजन से बचें। अधिक से अधिक ताजे फल, सब्जियां, तरबूज, खीरा आदि का सेवन करें। 

डीसी विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि गर्मी के मौसम में यदि अत्यधिक पसीना, कमजोरी, चक्कर, उल्टी, तेज बुखार या बेहोशी जैसे लक्षण हों तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में पशुओं व पक्षियों का भी विशेष ध्यान रखें। पशुओं को छायादार स्थान पर रखें और उनके लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था करें। इसी प्रकार पक्षियों के लिए पेड़ों की टहनियों व घरों की छतों पर बरामदे आदि में पानी जरूर रखें, ताकि उन्हें पानी जल्द उपलब्ध हो।

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