
गुड़गांव
आज होने वाली एयररेड मॉकड्रिल के लिए जिला प्रशासन ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। ठीक चार बजे मुख्यालय सहित हर कंपनी, धार्मिक संस्थानाें और पुलिस पीसीआर में सायरन बजाकर एयर रेड का अलार्म बजाया जाएगा। करीब दो घंटे तक चलने वाली इस मॉक ड्रिल की तैयारियों को लेकर आज सुबह प्रदेश स्तर के अधिकारियों ने जिला स्तर के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग पर बैठक की और दिशा निर्देश भी जारी किए।
जिला उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि सायरन बजते ही प्रशासन हरकत में आ जाएगा और वायरलैस के जरिए ताऊ देवीलाल स्टेडियम में तैयार बचाव दल को पांच लोकेशन एंबियंस मॉल, सेक्टर-15 सालवान स्कूल, सेक्टर-4/7 गवर्नमेंट सीनियर सैकेंडरी स्कूल, गढ़ी बाजिदपुर व एक अन्य स्थान पर हवाई हमला होने की सूचना देगा जिसके बाद बचाव दल मौके पर जाएगा। यहां मौजूद घायलों को अस्पताल पहुंचाने के साथ ही राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया जाएगा। घायलों को नजदीकी अस्पताल में ले जाया जाएगा जिसके लिए पहले से ही तैयारी कर ली गई है। शाम 6 बजे मॉक ड्रिल समाप्त होने के बाद टीमें अपनी-अपनी रिपोर्ट देंगी। मॉक ड्रिल के लिए निर्धारित किए गए सभी स्थानों पर जिला प्रशासन व पुलिस के एक-एक आला अधिकारी काे हर स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। पूरे जिले की रिपोर्ट को शाम को जिला उपायुक्त इमरजेंसी कंट्रोल रूम के माध्यम से सार्वजनिक करेंगे।
डीसी अजय कुमार ने बताया कि यह केवल युद्ध से पहले का अभ्यास है ऐसे में सायरन बजने के कारण कोई भी व्यक्ति पैनिक न हो। जो लोग वाहन चला रहे हों वह अपने वाहनों को सड़क किनारे खड़ा कर दें। दो घंटे बाद जब दूसरा सायरन बजेगा तो यह स्थिति सामान्य होने का सायरन होगा।
उन्होंने कहा कि इस मॉक ड्रिल के दूसरे चरण का अभ्यास देर शाम को किया जाएगा। देर शाम 7 बजकर 50 मिनट पर ब्लैक आउट किया जाएगा। यह ब्लैकआउट 10 मिनट का होगा जोकि 8 बजे समाप्त हो जाएगा। इस दौरान सभी लोगों को अपने घर में रहते हुए हर लाइट को बंद कर देना है। जिला उपायुक्त ने लोगों से अपील की है कि वह इस मॉक ड्रिल में पूरी तरह से सहयोग करें। शाम साढ़े 7 बजे से रात 8 बजे तक लिफ्ट का प्रयोग पूरी तरह से बंद कर दें। केवल अति आवश्यक होने पर ही लिफ्ट का उपयोग किया जा सकता है। इस ब्लैक आउट मॉक ड्रिल से अस्पतालों को दूर रखा गया है। हालांकि अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने अस्पताल की खिड़कियों व गेट पर पर्दे लगा दें ताकि उनकी रोशनी बाहर न आ सके। उन्होंने कहा कि यह केवल अभ्यास है इसलिए किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है।