पंजाबराज्य

दिल्ली-कटरा भारत माला हाईवे प्रोजेक्ट के लिए गुरदासपुर जिले में हजारों एकड़ जमीन प्रशासन ने कब्जे मे ली

गुरदासपुर 
दिल्ली-कटरा भारत माला हाईवे प्रोजेक्ट के लिए गुरदासपुर जिले में हजारों एकड़ जमीन प्रशासन ने कब्जे मे ली है। लेकिन सरकार और एनएचआईए द्वारा किसानों को दी जा रही जमीनों के दाम किसानों को मंजूर नहीं हैं, जिस कारण किसानों द्वारा कब्जाई गई जमीनों को वापस लेने के लिए जमीनों पर फिर से कब्जा किया जा रहा है।

ऐसी ही एक बड़ी कार्रवाई आज काहनूवान थाने के अंतर्गत गांव भिट्टेवड़ के पास किसानों ने की। जहां उन्होंने प्रशासन द्वारा कब्जाई गई जमीनों को वापस लेने का प्रयास किया। इस मौके पर किसान बड़ी संख्या में गुरुद्वारा नानकसर में एकत्रित हुए और फिर एक काफिले के रूप में कब्जाई गई जमीन पर पहुंचे। इस मौके पर बड़ी संख्या में किसानों ने एकत्रित होकर पंजाब सरकार और गुरदासपुर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
 
इस अवसर पर किसान नेता सुविंदर सिंह चुताला और बलजिंदर सिंह मसानी ने बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार और पंजाब सरकार किसानों की जमीनों को मुफ्त में हड़पना चाहती है, किसानों को जमीनों का बनता दाम नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज श्री गुरु अर्जन देव साहिब जी का शहीदी दिवस है, जिस तरह गुरुओं ने जुल्म और अत्याचारियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, उसी तरह किसान और उनके नेता इस संघर्ष में अगुवाई करते हुए किसानों के हकों की लड़ाई लड़ रहे हैं।
 
इस अवसर पर डीएसपी कुलवंत सिंह मान और डीएसपी अजय कुमार, थाना काहनूवान के एसएचओ कुलविंदर सिंह, थाना भैणी मियां खां के एसएचओ सरबजीत सिंह चाहल और थाना धारीवाल के एसएचओ के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद था। लेकिन पहले की तरह आज पुलिस ने किसानों को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया, बल्कि किसान नेताओं से बातचीत करने का सुझाव दिया। लेकिन पुलिस प्रशासन और किसान नेताओं के बीच कोई बातचीत या बैठक नहीं हुई।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरदासपुर प्रशासन की तरफ से एसडीएम व अन्य तहसीलदार आदि भी इस मामले को देखने के लिए पहुंचे थे, लेकिन किसानों के साथ फिलहाल किसी मीटिंग की खबर नहीं है। इस मौके पर डीएसपी कुलवंत सिंह मान ने कहा कि पुलिस किसानों द्वारा की गई कार्रवाई की जांच कर सिविल प्रशासन को इस बारे में सूचित करेगी तथा उच्च अधिकारियों के आदेशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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