मध्य प्रदेश

स्पेस टेक पॉलिसी-2025 शीघ्र होगी लागू मध्यप्रदेश भरेगा नई उड़ान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

साइंस सिटी प्रोजेक्ट के लिये 25 एकड़ भूमि होगी आवंटित
मध्यप्रदेश, भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का बनेगा हब
15 हजार 896 करोड़ का निवेश और 64 हजार से अधिक के रोजगार के अवसर
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत में तकनीकी विकास का प्रारंभ हुआ स्वर्णिम युग
एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव में उद्योगपतियों ने निवेश के प्रति जताई रूचि

भोपाल 
एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश अब अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में एक नई उड़ान भरने जा रहा है। हम बहुत जल्द स्पेस टेक पॉलिसी-2025 लागू करने जा रहे हैं, जिससे राज्य में सैटेलाइट डेटा, रिमोट सेंसिंग और स्पेस स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहन मिलेगा। भोपाल में 2000 एकड़ भूमि पर नॉलेज एण्ड एआई सिटी विकसित की जायेगी। यह सिटी आधुनिक हाईटेक सिटी और सायबर सिटी की तर्ज पर बनाई जायेगी। यहां विश्वस्तरीय संस्थान, अनुसंधान केन्द्र और स्टार्ट-अप्स एक साथ आएंगे जिससे मध्यप्रदेश भारत का एआई हब बन जायेगा। साइंस सिटी प्रोजेक्ट के लिये 25 एकड़ भूमि आवंटित्‍की जा रही है। यहां विज्ञान, नवाचार, और तकनीकी अनुसंधान के लिये अत्याधिक सुविधाएं विकसित की जायेंगी। यह परियोजना आने वाले वर्षों में हमारे युवाओं और विद्यार्थियों के लिये ज्ञान और प्रयोग का केन्द्र बनेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरूवार को इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेन्टर में आयोजित मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 में शामिल निवेशकों को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में तकनीकी विकास का स्वर्णिम युग प्रारंभ हुआ है। इस दिशा में मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्र को नई गति देने के लिये मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 का आयोजन इंदौर में किया है। यह आयोजन प्रदेश को भारत में उभरते टेक्नालॉजी मानचित्र पर अग्रणी स्थान दिलाने में की दिशा में ऐतिहासिक कदम सिद्ध हुआ है। राज्य सरकार की प्रगतिशील नीतियां, सुदृढ़ बुनियादी ढांचा, निवेश अनुकूल वातावरण और कुशल मानव संसाधन ने मध्यप्रदेश को ग्लोबल निवेशकों के लिये आकर्षण का केन्द्र बना दिया है। आईटी, एआई, सेमी कंडक्टर, ड्रोन, फिनटेक, क्लाउड और इएसबीएम जैसे क्षेत्रों में प्रदेश की प्रगति तीव्र गति से हो रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इन्दौर में मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 में कुल 68 कार्य हुए जिनमें उद्घाटन, भूमि-पूजन, आवंटन-पत्र वितरण, एग्रीमेंट, एमोयू, नीति एवं पोर्टल लॉन्च सहित उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन मीटिंग हुई। इनसे प्रदेश में कुल 15 हजार 896 करोड़ का निवेश आएगा साथ ही 64 हजार 85 रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यह आयोजन प्रदेश की तकनीकी और औद्योगिक प्रगति की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट से अप्रेल 2025 में हुए टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 1.0 तक लगभग 99 निवेश प्रस्ताव हुए थे, जिससे लगभग 34 हजार करोड़ रूपये के निवेश और 2 लाख लोगों के लिये रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। इसमें 27 प्रोजेक्ट, जमीन आवंटन के साथ अन्य कार्यप्रगतिरत है। साथ ही 8 प्रोजेक्ट साइट विजिट के चरण में है, जो प्राप्त प्रस्तावों का 47 प्रतिशत है। मात्र 8 महिने में लगभग 6 हजार करोड़ का निवेश एवं 50 हजार लोगों का रोजगार का सपना साकार हुआ है। यह मध्यप्रदेश की टेक ड्रिवन ग्रोथ का सकारात्मक परिणाम है।

9 कंपनियों को प्रदाय किए भूमि आवंटन के आशय-पत्र
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कॉन्क्लेव में निवेश और उद्योग संवर्धन लिए 9 कंपनियों को भूमि आवंटन के लिये आशय पत्र जारी किए गए। इन इकाइयों से प्रदेश में कुल 10.61 करोड़ रुपये का निवेश और लगभग 740 नए रोजगार अवसर सृजित होंगे। इन आशय पत्रों से विभिन्न टेक्नोलॉजी, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की कंपनियों को निवेश के लिए आवश्यक भूमि और संसाधन उपलब्ध कराए जाएँगे जिससे मध्यप्रदेश में उद्यमिता और औद्योगिक विकास को और मजबूती मिलेगी। टॉस, इजीसॉफ्ट कंपनी, ओम्निस बिल्डकेयर एलएलपी, फ्लैट ट्रेडब्रोकिंग सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, असिस्ट क्लिक प्राइवेट लिमिटेड, लॉजिमोंक, मैमथ एग्जॉस्ट्स इंडिया, एमपी ऑनलाइन, रिद्धि एंटरप्राइज को भूमि आवंटन पत्र जारी किए गए हैं।

एमओयू पर हस्ताक्षर
कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश में निवेश और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने की दिशा में 7 महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इन एमओयू से प्रदेश में लगभग 800 करोड़ रुपये का निवेश होगा तथा 10 हजार 500 से अधिक नए रोजगार अवसर सृजित होंगे। ये एमओयू सिलिकॉन वेफर विनिर्माण संयंत्र, आईटी पार्क विकास, टेक्नोलॉजी रिसर्च, गेमिंग, स्किल डेवलपमेंट एवं नवाचार जैसे उभरते क्षेत्रों से जुड़े हैं। इस पहल में सोमवेदा एंटरप्राइज, डीएवीवी आईटी पार्क, एएनएसआर, गेम डेवलपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इंडस आंत्रप्रेन्योर्स राजस्थान, मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग महू, कोडयोगी फाउंडेशन जैसे प्रतिष्ठित संस्थान शामिल हैं।

राज्य सरकार एवं भारतीय सेना के मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के मध्य सायबर सुरक्षा एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान एवं विकास के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र और नागरिक तकनीकी क्षेत्र के बीच सहयोग को सुदृढ़ करते हुए अत्याधुनिक तकनीकों के विकास, नवाचार और कौशल वृद्धि को बढ़ावा देना है। यह पहल मध्यप्रदेश को उभरते तकनीकी क्षेत्रों में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 

निवेश के लिये हुए एग्रीमेंट
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में 85.51 करोड़ निवेश के महत्वपूर्ण एग्रीमेंट् पर हस्ताक्षर हुए। इसमें आईआईएसईआर भोपाल के सहयोग से एआई-संचालित ड्रोन प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना शामिल है, जिसमें उन्नत प्रयोगशालाएँ और स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन सहायता प्रदान की जाएगी। एल एंड टी एड्यूटेक के साथ मिलकर प्रदेश में स्किल ट्रेनिंग हेतु मास्टर सर्विस एग्रीमेंट किया जाएगा, इससे नये तकनीकी क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके अंतर्गत एलएनसीटी कॉलेज, ओरिएंटल ग्रुप, बंसल कॉलेज, सेज यूनिवर्सिटी, आईईएस यूनिवर्सिटी शामिल हैं।

सायबर सुरक्षा को सुदृढ़ करने सीआईएसओ पोर्टल किया लांच
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सरकारी विभागों में सायबर सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए सीआईएसओ पोर्टल की शुरुआत की। यह सुरक्षित और केंद्रीकृत प्लेटफ़ॉर्म रीयल-टाइम मॉनिटरिंग, थ्रेट इंटेलिजेंस और अनुपालन प्रबंधन को सक्षम बनाएगा, जिससे सरकारी प्रणालियों में सुरक्षा, पारदर्शिता और दक्षता में अभूतपूर्व सुधार होगा।

ड्रोन डेटा रिपॉज़िटरी का हुआ शुभारंभ
“डिजिटल मध्यप्रदेश” की परिकल्पना को सशक्त करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव  ने ड्रोन डेटा रिपॉज़िटरी (DDR) का भी शुभारंभ किया। यह पहल भूमि प्रबंधन, शहरी नियोजन, वन संरक्षण, सिंचाई और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में ड्रोन-आधारित डेटा के उपयोग को बढ़ावा देगी, जिससे डेटा-संचालित शासन और स्मार्ट गवर्नेंस की नई मिसाल कायम होगी।

स्पेस टेक नीति-2025 के मसौदे  का अनावरण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश को तकनीकी और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के विजन को साकार करते हुए मध्यप्रदेश स्पेस टेक नीति-2025 के मसौदे  का अनावरण  किया। यह नीति राज्य को भारत की स्पेस टेक अर्थव्यवस्था में अग्रणी स्थान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है, जिसके माध्यम से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अनुसंधान, निवेश और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे एवं आर्थिक और वैज्ञानिक विकास को नई ऊँचाइयाँ प्रदान करेंगे।

22 नई इकाइयों का लोकार्पण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य के औद्योगिक और तकनीकी विकास को नई गति प्रदान करते हुए 22 नई औद्योगिक, तकनीकी एवं नवाचार-आधारित इकाइयों का लोकार्पण किया। इनमें 257.46 करोड़ रुपये का निवेश होगा और लगभग 2125 नए रोजगार सृजित होंगे। ये अत्याधुनिक इकाइयाँ मुख्य रूप से इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के आईटी पार्क में स्थापित की जायेंगी जिनमें ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, स्टार्ट-अप्स के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर, ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट तथा अन्य हाई-टेक कंपनियाँ शामिल हैं। इससे प्रदेश तकनीकी हब के रूप में उभरेगा और युवा उद्यमिता एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।

4 प्रमुख परियोजनाओं का भूमि-पूजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कॉन्क्लेव में वर्चुअली 4 नई परियोजनाओं का भूमि-पूजन किया, जिनसे 1346.75 करोड़ रुपये का निवेश और लगभग 21,150 नए रोजगार अवसर सृजित होंगे। ये परियोजनाएँ इंदौर, भोपाल, जबलपुर एवं ग्वालियर में प्रमुख आईटी पार्क, ड्रोन टेक्नोलॉजी और ईएसडीएम क्षेत्र से जुड़ी हैं। एलटीआई इंडस्ट्री द्वारा 810 करोड़ रुपये की लागत से इंदौर के सुपर कॉरिडोर में 10 एकड़ भूमि पर अत्याधुनिक आईटी टेक्नोलॉजी कंसल्टिंग केंद्र स्थापित होगा, जिससे 10 हजार रोजगार सृजित होंगे। डीएनआर कॉर्पोरेशन द्वारा 524 करोड़ रुपये की लागत से इंदौर के सुपर कॉरिडोर में स्टेट-ऑफ-द-आर्ट आईटी पार्क विकसित किया जाएगा। इससे 11 हजार रोजगार सृजित होंगे। मेसर्स इन्फिनी सेल्स कॉर्पोरेशन द्वारा भोपाल में 4 करोड़ रुपये की लागत से एलईडी विनिर्माण इकाई स्थापित होगी, जिससे 50 रोजगार सृजित होंगे। मेसर्स आरएआर इंजीनियरिंग द्वारा जबलपुर में 8.75 करोड़ रुपये की लागत से रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र के लिए इंटेलिजेंट मोशन और वाइब्रेशन कंट्रोल सिस्टम हेतु विनिर्माण हब स्थापित होगा, जिससे 100 रोजगार मिलेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एलटीई माइंडट्री के श्री मनीष प्रजापति, डीएनआर कारपोरेशन के रितेश उमथ से वर्चुअली संवाद कर शुभकामनाएं दी।

अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्री संजय दुबे ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के दूरदर्शी नेतृत्व में प्रदेश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। स्वच्छ नगरी इंदौर में टेक्नोलॉजी के एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। उद्योग जगत और सरकार के बीच सुगम संगम स्थापित हुआ है। अप्रैल माह में "एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 1.0" आयोजित कार्यक्रम ने नई दिशा दी थी, और आज का दिन इस यात्रा में एक और मील का पत्थर सिद्ध हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम विकास की नई संभावनाओं को साकार कर रहे हैं। कई महत्वपूर्ण अनुबंध आज धरातल पर उतर रहे हैं। एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 भारत की नई नीतियों में सेमीकंडक्टर, ड्रोन टेक्नोलॉजी, स्पेस टेक्नोलॉजी के विकास को परिभाषित करने वाला एक महत्त्वपूर्ण मंच बन चुका है। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने भारतीय सेना के साथ सायबर सुरक्षा एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता के संयुक्त अनुसंधान एवं विकास के लिए एमओयू किया है। युवाओं को मध्यप्रदेश में रहकर विकास का हिस्सा बनना चाहिए।प्रदेश में रिवर्स ब्रेन ड्रेन का सकारात्मक प्रभाव दिखाई दे रहा है, जहाँ तकनीकी अवसंरचना, उत्पादकता और शांतिपूर्ण जीवनशैली बेहतर अवसर प्रदान कर रही है। ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस निवेश और विकास का निर्णायक कारक है। तीन टी—ट्रैफिक, ट्रैश और टॉक्सिक एयर से परे, मध्यप्रदेश देश के सबसे स्वच्छ शहर और स्वच्छतम राजधानी का गौरव रखता है। प्रदेश का औद्योगिक सेटअप निवेशकों, प्रोफेशनल्स और युवाओं के लिए अनुकूल वातावरण तैयार कर रहा है। मध्यप्रदेश राज्य तकनीकी क्षेत्र में नई सुविधाएँ उपलब्ध करा रहा है और निवेशकों एवं उद्योगपतियों के अनुकूल वातावरण निर्मित कर रहा है। 

हाईटेक प्रदर्शनियाँ
कॉन्क्लेव में हाई-स्पीड इलेक्ट्रॉनिक्स, एआर/वीआर, ब्लॉकचेन पब्लिक सर्विस, एग्री-ड्रोन एवं तकनीकी अनुसंधान जैसे क्षेत्रों की नवाचार झलकियाँ प्रदर्शित की गई। इंदौर भोपाल, एवं बड़वानी की कंपनियों द्वारा प्रदर्शित स्टॉल्स में हाइ स्पीड इलेक्ट्रॉनिक ड्राइव्स, एआर / वीआर (AR/VR)-बेस्ड टूरिज्म और फिजियोथेरेपी, पब्लिक सर्विस के लिए ब्लॉकचेन, एग्री ड्रोन, आईटी प्रोडक्ट और तकनीक की नई खोजों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया। 

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