
भव्य,दिव्य अयोध्या ,प्रभु श्री राम की जन्म भूमी पर 500 वर्षों की लंबी लड़ाई के बाद प्रभु श्री राम के बने मंदिर ने देश में एक अलग तरह की सांस्कृतिक चेतना और धर्म के प्रति आस्था से लोगों को भर दिया है। रामनवमी के पावन पर्व पर पूरे देश में शोभा यात्राएं निकल रही है। जिसमे हर आयु वर्ग के लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे है।
अयोध्या में आज धर्म, आस्था और खगोलशास्त्र के संयोग से अभूतपूर्व नजारा देखने को मिलेगा। ठीक 12 बजे रामलला के माथे पर 4 मिनिटों तक सूर्य की किरणों से सूर्य तिलक होगा । भारी संख्या में पहुंचे रामभक्तों को सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक दर्शन होंगे।
सम्भल में भी आज दो बड़े जुलूस निकाले जाएंगे। 24 नवंबर हिंसा के बाद मात्र 4 महीनों में बनी सत्यव्रत पुलिस चौकी जिसमें धर्म की स्थापना के लिए गीता के श्लोक लिखे गए है उसका भी उद्घाटन होगा। रात में भी परंपरागत शोभा यात्रा निकली जाएगी।
पश्चिम बंगाल एक मात्र राज्य है जहां पर रामनवमी का पर्व पूरी तरह से राजनीति के रंग में रंगा हुआ है । ममता बनर्जी द्वारा शोभा यात्राओं में रोक के बाद कोर्ट के हस्तक्षेप के से भाजपा, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, एवं हिंदू संगठन मिलकर हजारों की संख्या में शोभा यात्रा निकाल रहे है। भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा है कि हिंदू अपनी सुरक्षा के लिए आज बाहर निकलेगा। 10 जिलों में यात्रा को लेकर अलर्ट है। उसके बाद भी रामभक्तों की आस्था और जोश में कोई कमी नहीं है।
एक समय देश में पाश्चात्य संस्कृति का असर ज्यादा दिखने लगा था लोग धर्म , आस्था से दूर हो रहे थे, मॉर्डन दिखने की एक होड़ सी चल रही थी परन्तु पिछले 10 वर्षों में सरकार द्वारा आध्यामिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए किए गए काम जैसे अयोध्या राममंदिर का निर्माण ,केदारनाथ धाम का कायाकल्प एवं अन्य स्थानों का पुनरुद्धार के कामों की शुरुआत ने भी लोगों में आस्था के प्रति विश्वास जगाया है।मोदी जी और योगी जी द्वारा देश के किसी भी हिस्से में दौरे के समय वह स्थित धार्मिक स्थानों, देवालयों में पूजा अर्चना करना भी श्रद्धा भाव को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है ।
हमारे शक्तिपीठों, मंदिरों, पूज्यस्थानों की सांस्कृतिक विरासत में जमी 70 वर्षो की धूल हट रही है और भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का पुनर्जागरण हो रहा है।