
चंडीगढ़
पंजाबियों की ज़िंदगियों को रोशन करने के लिए मिशन रोज़गार को जारी रखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले तीन वर्षों में राज्य के युवाओं को 55,000 से अधिक सरकारी नौकरियाँ देकर नया मील का पत्थर कायम किया है। इस अवसर पर आज मुख्यमंत्री ने कहा, “पिछली सरकारें अपने कार्यकाल के अंतिम समय में कुछ नौकरियाँ देकर केवल औपचारिकता निभाती थीं, लेकिन मेरी सरकार ने पहले दिन से ही नियुक्तियाँ देना शुरू कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप अब तक 55,000 से अधिक सरकारी नौकरियाँ युवाओं को मिल चुकी हैं।”
नए भर्ती हुए युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपने के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विभिन्न विभागों में 271 युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर पंजाब सरकार के परिवार का हिस्सा बनाया गया है और ये युवा अब राज्य की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में सक्रिय योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं ने बिना किसी सिफ़ारिश, पूरी तरह अपनी योग्यता के आधार पर यह नौकरियाँ हासिल की हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह बेहद दुख की बात है कि पिछली सरकारों ने युवाओं को रोजगार नहीं दिया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि 55,000 नौकरियाँ पूरी तरह मेरिट के आधार पर दी गई हैं।
मुख्यमंत्री ने नए भर्ती हुए युवाओं को मिशनरी भावना से जनता की सेवा करने की अपील की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ये युवा अपनी कलम का इस्तेमाल समाज के जरूरतमंद और वंचित वर्गों की मदद के लिए करेंगे ताकि समाज के हर वर्ग तक कल्याणकारी नीतियों का लाभ पहुँच सके।
उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व और संतुष्टि की बात है कि राज्य सरकार ने अब तक 55,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियाँ दी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सारी भर्तियाँ पूरी तरह योग्यता के आधार पर हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का पहले दिन से ही एकमात्र एजेंडा युवाओं को सरकारी नौकरियाँ देकर सशक्त बनाना है।
युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों को ऐतिहासिक पहल बताते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि ये नौकरियाँ युवाओं की तक़दीर बदल देंगी। उन्होंने कहा कि यह स्थान युवाओं को विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरियाँ देने की शानदार यात्रा का गवाह बना है। उन्होंने कहा कि यह पहल राज्य सरकार की युवाओं की भलाई सुनिश्चित करने और उनके लिए रोजगार के नए मार्ग खोलने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
पारंपरिक राजनीतिक दलों की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने पर कभी ध्यान नहीं दिया। बड़े नेताओं के बच्चे पहाड़ों के कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ते थे, इसलिए उन्होंने सरकारी स्कूलों की तरफ कभी ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के दौर में सरकारी स्कूल शिक्षा देने के स्थान पर केवल मिड-डे मील सेंटर बने हुए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब सरकारी स्कूलों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए स्कूल ऑफ़ एमिनेंस में अपग्रेड किया जा रहा है। उन्होंने गर्व से बताया कि भारत सरकार द्वारा करवाए गए राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में पंजाब ने केरल को पीछे छोड़कर पहला स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के 848 विद्यार्थी नीट परीक्षा के लिए योग्य हुए हैं, 265 विद्यार्थियों ने जे ई ई मेंस पास की है, जबकि 45 ने जे ई ई एडवांस्ड परीक्षा उत्तीर्ण की है। उन्होंने कहा कि कोई भी मुफ़्त या रियायती कार्ड राज्य से ग़रीबी और अन्य सामाजिक बुराइयाँ समाप्त नहीं कर सकता, लेकिन शिक्षा ही वह कुंजी है जो लोगों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाकर उन्हें ग़रीबी के चक्र से बाहर निकाल सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कभी राजनीति में आने की इच्छा नहीं रखी थी, लेकिन पिछली सरकारों द्वारा राज्य और इसकी जनता की बेरहमी से की जा रही लूट ने उन्हें राजनीति में आने पर मजबूर किया। उन्होंने कहा कि इन मौकापरस्त और लालची नेताओं ने अपने निजी हितों के लिए राज्य की उपेक्षा की थी, जिसके कारण जनता ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया और नए लोगों के राजनीति में आने का मार्ग प्रशस्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे राज्य के विकास और जनता की खुशहाली के लिए अथक मेहनत कर रहे हैं और इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के समय राज्य के नेता पंजाब के हितों से समझौता करते थे, जबकि आज पंजाब सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास और खुशहाली पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले नेता जनता से मिलने से कतराते थे, जबकि आज सरकार जनता की प्रतिक्रिया के आधार पर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब बेमिसाल विकास के नए युग का गवाह बन रहा है, क्योंकि राज्य सरकार विकास और प्रगति को नया आयाम देने के लिए बड़े प्रयास कर रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, रोजगार और अन्य सभी क्षेत्रों में पिछले तीन वर्षों के दौरान मिसाल कायम करने वाले विकास हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का इरादा स्पष्ट है – समर्पण भावना और ईमानदारी के साथ पंजाब की जनता की सेवा करना। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस, स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव तेजवीर सिंह, शिक्षा सचिव अनिंदिता मित्रा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।