संसद सुरक्षा चूक मामला: हाई कोर्ट से दो आरोपियों को जमानत, दिल्ली पुलिस ने जताई आपत्ति

नई दिल्ली
संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में बड़ी अपडेट सामने आई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को आरोपियों नीलम आजाद और महेश कुमावत को जमानत मंजूर कर दी है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने इन दोनों की जमानत अर्जी का विरोध किया था, लेकिन कोर्ट ने उनकी रिहाई का आदेश दिया। याद दिला दें कि वर्ष 2023 में संसद सत्र के दौरान लोकसभा में घुसकर पीली गैस छोड़ी गई थी और नारेबाजी की गई थी, जिससे संसद की सुरक्षा पर सवाल उठे थे।
कोर्ट ने लगाई कुछ शर्ते
दिल्ली हाई कोर्ट ने संसद सुरक्षा में चूक के मामले में आरोपी नीलम आजाद और महेश कुमावत को जमानत प्रदान की है, लेकिन इसके साथ कुछ सख्त शर्तें भी लागू की हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि दोनों आरोपी जमानत अवधि के दौरान मीडिया से कोई बातचीत नहीं करेंगे और सोशल मीडिया पर भी कोई पोस्ट नहीं करेंगे। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की बेंच ने दोनों को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और दो समान राशि की जमानत के आधार पर राहत दी है।
पुलिस ने कोर्ट को क्या बताया?
इससे पहले निचली अदालत ने संसद में सुरक्षा व्यवस्था की चूक से जुड़े मामले में आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ आरोपियों ने उच्च न्यायालय का रुख किया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने नीलम आजाद और महेश कुमावत की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद 21 मई को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। पुलिस ने अदालत में यह तर्क दिया था कि आरोपियों का मकसद 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले की भयावह घटनाओं को दोबारा याद दिलाना था।