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अबाबील मिसाइल टेस्ट में पाकिस्तान की बड़ी नाकामी, अग्नि-5 की कॉपी बनाना पड़ा भारी

नई दिल्ली
 भारत से नकल में पीछे नहीं रहने वाले पाकिस्तान के वैज्ञानिक और इंजीनियर बैलेस्टिक मिसाइल नहीं बना पा रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके जनरल असीम मुनीर का सपना बार-बार टूट रहा है। हाल ही में पाकिस्तानी वैज्ञानिकों ने मीडियम रेंज की बैलेस्टिक मिसाइल (MRBM) अबाबील का एक बार फिर टेस्ट किया, मगर यह परीक्षण नाकाम साबित हो गया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद 6-7 मई से 10 मई तक चले भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी पाकिस्तान भारत के ऐसे हथियारों से मात खा गया था। उसके डिफेंस सिस्टम और हथियार नाकाम साबित हुए थे। इसके बाद से ही पाकिस्तान में बेहद खौफ है।

अबाबील मिसाइल क्यों बनाना चाहता है पाकिस्तान
अबाबील एक तीन चरणों वाला ठोस ईंधन से चलने वाली मिसाइल है। इसकी रेंज करीब 2,000 किलोमीटर बताई जाती है। इसका पहली बार परीक्षण जनवरी, 2017 में किया गया था। इसमें MIRV तकनीक (Multiple Independent Re-entry)) का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो एकसाथ दुश्मन के कई ठिकानों को तबाह करने की ताकत रखती है। यही खूबी पाकिस्तान अपने जंगी बेड़े में चाहता है, मगर उसका सपना बार-बार टूट रहा है। हालिया टेस्ट से पहले अक्टूबर, 2023 में भी अबाबील का परीक्षण फेल हो गया था। सोशल मीडिया पर अबाबील के टेस्ट के दौरान उसका मलबा दिखाया जा रहा है और यह दावा किया जा रहा है कि यह परीक्षण फेल हो गया है।

अग्नि-5 के चक्कर में बार-बार फेल हो रहा पाकिस्तान
वेबसाइट IDRW के अनुसार, MIRV तकनीक इंटरकॉन्टिनेंट बैलेस्टिक मिसाइलों(ICBMs) के लिए काफी बेहतर मानी जाती है। आईसीबीएम की खूबी ये है कि ये 5,000 किलोमीटर तक मार कर सकती है। जैसे भारत की अग्नि-5 मिसाइल , जिसका मार्च, 2024 में टेस्ट काफी कामयाब रहा था। वहीं, इसकी नकल करने में पाकिस्तान बार-बार फेल हो रहा है।

चीन की चुनौती के चलते भारत ने बनाई आईसीबीएम मिसाइलें
बीबीसी की एक रिपोर्ट में डिफेंस एक्सपर्ट राहुल बेदी के हवाले से कहा गया है कि भारत ने चीन की चुनौती को देखते हुए आईसीबीएम मिसाइल विकसित की है। 1998 में भारत ने पोखरण परमाणु परीक्षण जब किया था तो उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को लिखे पत्र में चीन की चुनौती का जिक्र किया था।

पाकिस्तान के पास एक भी आईसीबीएम नहीं
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान ने अपनी क्षेत्रीय जरूरतों के हिसाब से हथियार प्रणाली का विकास किया है। पाकिस्तान के पास आईसीबीएम मिसाइलें नहीं हैं। पाकिस्तान को इसकी जरूरत भी नहीं है। उसकी पूरी तैयारी भारत के खिलाफ ही है। पाकिस्तानन ने शाहीन सीरीज की मिसाइलें बनाई हैं, जो शॉर्ट, मीडियम और लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम हैं।

पाक बार-बार क्यों फेल हो रहा है, क्या कहते हैं एक्सपर्ट
अबाबील मिसाइल टेस्ट में बार-बार फेल होने के बाद भी पाकिस्तान लगातार ये दावे करता रहा है कि उसने मीडियम रेंज की बैलेस्टिक मिसाइल का टेस्ट किया है। एक्स पर पोस्ट में कुछ डिफेंस एक्सपर्ट ने ये सवाल उठाए हैं कि पाकिस्तान के पास इंजीनियरिंग में काफी दिक्कतें हैं। सिस्टमैटिक इश्यू समेत पर्याप्त टेस्ट ढांचे का अभाव, विदेशी तकनीक खासतौर पर चीन पर निर्भरता और संसाधनों की कमी इस मामले में पाकिस्तान को कमजोर बनाती है, वहीं इस मामले में भारत के पास खुद का मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर है। उसके ताकतवर ढांचे में डीआरडीओ, हाल लैसी रक्षा कंपनियां हैं।

किसके पास कितना है दम, यहां जान लीजिए
ग्लोबल फायर पॉवर की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास 172 परमाणु हथियार है। वहीं, पाकिस्तान के पास अभी 170 ही है। वहीं, आईसीबीएम मिसाइलों के मामले में भारत के पास अग्नि-5 जैसी मिसाइलें हैं, जो 5,000 किलोमीटर से ज्यादा दूर तक मार कर सकती हैं। इसकी रेंज 8,000 से 10,000 किलोमीटर तक बढ़ाई जा सकती है। पाकिस्तान के पास ऐसी कोई मिसाइल अभी उसके जंगी बेड़े में नहीं है। उसके पास मीडियम रेंज की भी बैलिस्टिक मिसाइल नहीं है। वह अबाबील जैसी मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों का टेस्ट करना चाहता है

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