विदेश

सलमान खान पर पाकिस्तान का बड़ा आरोप? आतंकी घोषित करने पर मचा बवाल

इस्लामाबाद 
बॉलीवुड एक्टर सलमान खान को लेकर कुछ दिन पहले रिपोर्ट्स आईं कि पाकिस्तान ने उन्हें आतंकवादी घोषित कर दिया। इससे सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में सलमान के फैंस की नाराजगी पाकिस्तान को झेलनी पड़ी। अब यूटर्न लेते हुए पाकिस्तान ने उन रिपोर्ट्स को ही खारिज कर दिया है और सफाई दी है कि ऐसा कुछ भी नहीं घोषित किया गया। यह सब फर्जी खबरें हैं। पाकिस्तान की इन्फोर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री ने मामले में सफाई पेश की है।

पाकिस्तान के मंत्रालय की ऑफिशियल फैक्ट-चेकिंग टीम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर उन खबरों पर बात की जिनमें कहा गया था कि सलमान टेरर वॉच लिस्ट में हैं। पोस्ट में एक हेडलाइन का स्क्रीनशॉट था जिसमें लिखा था- ‘बलूचिस्तान पर टिप्पणी के बाद पाकिस्तान ने सलमान खान को टेरर वॉचलिस्ट में डाला। स्क्रीनशॉट पर फेक न्यूज/ अनवेरिफाइड लिखा एक स्टैम्प लगा हुआ था। पोस्ट में न्यूज रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावे को हाईलाइट किया गया- बलूचिस्तान के बारे में कमेंट करने के बाद सलमान खान को कथित तौर पर पाकिस्तान के एंटी-टेररिज्म एक्ट के तहत फोर्थ शेड्यूल में डाल दिया गया है, और उन्हें टेरर फैसिलिटेटर कहा गया है।

इसके बाद पोस्ट में आगे लिखा, “NACTA के प्रोसिक्यूटेड पर्सन्स पेज या किसी मिनिस्ट्री ऑफ इंटीरियर / प्रोविंशियल होम डिपार्टमेंट के गजट पर सलमान खान को फोर्थ शेड्यूल में शामिल करने की जानकारी देने वाला कोई पाकिस्तानी सरकार का ऑफिशियल बयान, नोटिफिकेशन या एंट्री नहीं मिली।” आखिर में, पाक MoIB ने कहा, “वेरिफाई किए जा सकने वाले प्राइमरी सबूतों की कमी में यह दावा अनवेरिफाइड और झूठा है। देखने से, यह एक पक्के फैक्ट के बजाय एक सनसनीखेज हेडलाइन लगती है।” यानी कि पाकिस्तान सरकार ने बता दिया है कि उसने सलमान खान को आतंकवादी नहीं घोषित किया है।

सलमान के किस बयान से पाक को लगी थी मिर्ची
दरअसल, इस महीने की शुरुआत में, सलमान खान सऊदी अरब के रियाद में जॉय फोरम 2025 में शामिल हुए थे। यहां पर उन्होंने बलूचिस्तान को एक तरह से अलग देश बताया था। इससे पाकिस्तानी भड़क गए थे। इस कार्यक्रम में सलमान ने शाहरुख खान और आमिर खान के साथ स्टेज पर परफॉर्म किया था। स्टेज पर, एक्टर ने मिडिल ईस्ट में इंडियन फिल्मों की अपील पर बात की और कहा था, “अभी, अगर आप एक हिंदी फिल्म बनाते हैं और उसे यहां (सऊदी अरब में) रिलीज करते हैं, तो वह सुपरहिट होगी। अगर आप एक तमिल, तेलुगु, या मलयाली फिल्म बनाते हैं, तो वह सैकड़ों करोड़ का बिजनेस करेगी क्योंकि दूसरे देशों से बहुत सारे लोग यहां आए हैं। बलूचिस्तान के लोग हैं, अफगानिस्तान के लोग हैं, पाकिस्तान के लोग हैं… हर कोई यहां काम कर रहा है।”

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