दिल्लीराज्य

आतिशी की ओर से पूछे गए एक सवाल पर अब भाजपा हमलावर, फिर ‘आप’ ने सेना के शौर्य का ‘सबूत’ मांगना शुरू कर दिया

नई दिल्ली
भारत-पाकिस्तान में सीजफायर के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी के तमाम बड़े नेता सरकार के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना की ओर से पूछे गए एक सवाल पर अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हमलावर हो गई है। भाजपा ने आरोप लगाया कि सर्जिकल स्ट्राइक की तरह एक बार फिर 'आप' ने सेना के शौर्य का 'सबूत' मांगना शुरू कर दिया है।

भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने मार्लेना पर जोरदार प्रहार करते हुए कहा कि मोदी विरोध और भाजपा विरोध के नाम पर सबूत गैंग फिर काम पर। उन्होंने कहा, 'आम आदमी पार्टी जो सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांग चुकी है। पाकिस्तान के अखबारों में फ्रंट पेज पर छप चुकी है। बालाकोट स्ट्राइक के बाद सेना के शौर्य पर सवाल किए। अब ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना की जयजयकार की बजाय सबूत मांग रही है कि पाकिस्तान ने हाथ कहां जोड़े, पाकिस्तान ने तो दुनिया के सामने नहीं माना कि हाथ जोड़े, तो कैसे मान लें। मतलब कि सेना के बयान पर, डीजीएमओ के बयान पर, सेना ने जो प्रमाण दिए उस पर सवाल खड़े कर दिए।'

पूनावाला ने कहा कि आम आदमी पार्टी पाकिस्तान के नैरेटिव को दोहरा रही है और कह रही है कि पाकिस्तान ने हाथ नहीं जोड़े। पाकिस्तान ने तो 71 के बाद भी नहीं माना, पाकिस्तान ने तो 1999 के कारगिल के बाद भी नहीं माना कि उन्हें शिकस्त खाई। तो क्या पाकिस्तान के वर्जन पर हम भरोसा करें, भारत की सेना पर नहीं? ये वही लोग हैं जिन्होंने पहलगाम के बाद पहले पाकिस्तान को क्लीनचिट दे रहे थे, इंडि गठबंधन के नेता, फिर गिड़गि़ड़ा रहे थे कि पाकिस्तान पर कार्रवाई ना हो। अब जब कार्रवाई हुई है तो सेना के मनोबल पर चोट करने के लिए कभी अजय राय माखौल उड़ाते हैं, कभी इमरान मसूद सबूत मांगते हैं। अब आतिशी मार्लेना, जिनके माता-पिता ने अफजल गुरु का समर्थन किया था, सबूत मांग रही हैं, यह दिखाता है कि टू एंड हाफ फ्रंट वॉर में ये हाफ फ्रंट हैं। दो शरीर एक जान, आम आदमी पार्टी और पाकिस्तान।'

आतिशी ने क्या कहा ऐसा?
दिल्ली की पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी मार्लेना ने मंगलवार को सीजफायर पर सवाल उठाते हुए कई सवाल सरकार पर दागे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा, 'कल प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश के साथ एकतरफा संवाद किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने उनके सामने हाथ जोड़े और उन्हें दया आ गई। इसलिए उन्होंने सीजफायर के लिए हां कह दिया। मोदी जी ने यह बात कह तो दी लेकिन इस पर बहुत सारे सवाल उठते हैं। पहला सवाल- अगर पाकिस्तान ने हाथ जोड़े और भारत ने पाकिस्तान पर दया खाकर सीजफायर किया तो इसकी घोषणा भारत ने खुद क्यों नहीं की, क्यों इसकी घोषणा ट्रंप ने की। दूसरा सवाल- अगर पाकिस्तान ने भारत के सामने हाथ जोड़े तो सामने आकर समझौता क्यों नहीं हुआ। क्यों पाकिस्तान दुनिया के सामने आकर नहीं बोलता, कागज पर साइन नहीं करता, मीडिया के सामने आकर नहीं बोलता कि हमने भारत से हार मानी और हाथ जोड़े। आज पूरा देश जानना चाहता है कि यदि पाकिस्तान ने हाथ जोड़े थे तो वो दुनिया के सामने क्यों नहीं कह पाते। अगर पाकिस्तान ने भारत के सामने हाथ जोड़े तो क्या उसने कम से कम पहलगाम में हमला करने वाले आतंकवादियों को भारत को सौंपा? इसका भी कोई प्रमाण नहीं है।'

पीएम मोदी ने क्या कहा था?
पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर और इसके बाद पाकिस्तान की बौखलाहट पर भारत की ओर से की गई सैन्य कार्रवाई को लेकर देश को संबोधित करते हुए बताया था कि किस तरह पाकिस्तान ने भारतीय सेना के डीजीएमओ के सामने सीजफायर के लिए गुहार लगाई थी। उन्होंने कहा, 'भारत की आक्रामक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा। पाकिस्तान दुनियाभर में तनाव कम करने के लिए गुहार लगा रहा था। बुरी तरह पिटने के बाद इसी मजबूरी में 10 मई की दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने हमारे डीजीएमओ को संपर्क किया। तब तक हम आतंकवाद के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर तबाह कर चुके थे। आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था। पाकिस्तान के सीने में आतंकी अड्डों को हमने खंडहर बना दिया था। इसलिए पाकिस्तान की तरफ से जब गुहार लगाई गई पाकिस्तान की तरफ से जब यह कहा गया कि वह आगे कोई आतंकी गवितिधि और सैन्य दुस्साहस नहीं करेगा तो भारत ने भी उस पर विचार किया।'

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