
चंडीगढ़
59 वर्ष के हरियाणा प्रदेश ने आध्यात्म के क्षेत्र में भी काफी प्रभावी कदम उठाए हैं। जहां भगवान श्रीकृष्ण की भूमि कुरुक्षेत्र को मथुरा व वृंदावन की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है और अब लगातार देश के साथ-साथ विदेशों से भी पर्यटक इस धर्मक्षेत्र की ओर आकर्षित हो रहे हैं तो वहीं कृष्ण की इस धरा से उठी श्रीमद् भागवत गीता के संदेश की गूंज अब वैश्विक स्तर पर भी सुनाई देने लगी है।
2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ऐतिहासिक धरा कुरुक्षेत्र से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाए जाने की पहल की। इसके बाद से हर साल यह महोत्सव आयोजित किया जाता है। इस कड़ी में विदेशों में भी गीता महोत्सव का आयोजन किया गया। अब तक लंदन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, श्रीलंका व इंडोनेशिया सहित कई देशों में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जा चुका है।
इंडोनिशया में गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सान्निध्य में हरियाणा से विश्व के कोने-कोने तक गीता का संदेश पहुंचाया गया। इस दौरान इंडोनेशिया के बाली के सीनेटर डा. आर्य वेदा करणा को जब स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने गीता की प्रति भेंट की तो उन्होंने गीता जी को ससम्मान अपने सिर पर विराजमान कर लिया।



