देश

ED की बड़ी कार्रवाई: यूनिवर्सिटी चांसलर की 20.28 करोड़ की संपत्ति कुर्क, सामने आई धन कुबेर की सच्चाई

शिलॉन्ग
केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पैसे लेकर फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने के मामले में शिलांग में एक यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति यानी चांसलर और उनके परिवार के सदस्यों की करीब 20.28 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी तौर पर कुर्क की है। ईडी की ओर से जारी विज्ञप्ति में एक अधिकारी ने बताया कि इन संपत्तियों में नई दिल्ली में 19.28 करोड़ रुपये मूल्य की चार अचल संपत्तियां और बैंक बैलेंस के रूप में एक करोड़ रुपये की चल संपत्ति शामिल है, जिन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत कुर्क किया गया है।

इससे पहले शिलांग में ईडी उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने तीन जुलाई को एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया था, जिसमें पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत सीएमजे विश्वविद्यालय के कुलाधिपति चंद्रमोहन झा और उनके परिवार के सदस्यों की 20.28 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने की बात कही गयी थी। ईडी ने बयान में कहा है कि ये अचल संपत्तियां 2013 और 2022 के बीच खरीदी गईं, जबकि बैंक बैलेंस को छिपाने के प्रयास में 16 दिसंबर, 2024 को धोखाधड़ी से उनके परिवार के एक सदस्य को हस्तांतरित कर दिया गया।

IAS अधिकारी ने दर्ज कराई थी शिकायत
ईडी ने मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स शिलांग जिले के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) पुलिस थाने में सीएमजे विश्वविद्यालय के खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर जाँच शुरू की थी। यह शिकायत भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी एमएस राव ने राज्य के तत्कालीन राज्यपाल आरएस मूशाहरी के निर्देश पर दर्ज की थी, जो सीएमजे विश्वविद्यालय के अतिथि (विजिटर) थे। ईडी ने कहा, “सीआईडी द्वारा मामले की जांच में विश्वविद्यालय से संबंधित कई अनियमितताओं का पता चला, जिनमें डिग्रियां बेचना भी शामिल था। लेकिन मामला सिर्फ इतना ही नहीं था जिसके माध्यम से विश्वविद्यालय के हितधारकों ने अनुमानित 83 करोड़ रुपये की आपराधिक आय अर्जित की थी।”

दिसंबर 2024 में तीन दिनों तक चली थी तलाशी
इससे पहले 31 मार्च 2017, 30 नवंबर 2021 और 11 जुलाई 2024 को अनंतिम कुर्की आदेश पारित किए गए और कुलाधिपति झा और उनके परिवार के सदस्यों के कब्जे में क्रमशः 27.66 करोड़ रुपये, 13.54 करोड़ रुपये और 7.56 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गयी थी। कुलाधिपति झा के विभिन्न परिसरों में अवैध आय के स्रोत का पता लगाने के लिए दिसंबर 2024 में तीन दिनों तक की गई तलाशी के बाद 1.15 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस भी ज़ब्त किया गया था।

SC ने यूनिवर्सिटी कर दी थी भंग
इस वर्ष फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने सीएमजे विश्वविद्यालय को उसके ‘कुप्रबंधन, कुप्रशासन, अनुशासनहीनता और धोखाधड़ी के इरादे’ के कारण भंग करने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत के आदेश के बाद मेघालय सरकार ने शिक्षा संयुक्त सचिव डी. लिंगदोह को सीएमजे विश्वविद्यालय का प्रशासक नियुक्त किया ताकि राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित तरीके से विश्वविद्यालय को बंद किया जा सके। सीएमजे विश्वविद्यालय ने 2010 से 2013 के बीच करीब 20570 फर्जी डिग्रियां प्रदान की थी।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button