राजस्थानराज्य

चलती बस में ड्राइवर को आया मिर्गी दौरा, यात्रियों की सूझबूझ से बचीं कई जानें

नागौर

जोधपुर से नागौर आ रही राजस्थान रोडवेज की नागौर डिपो की एक बस शनिवार शाम को श्रीकृष्ण गोपाल गोशाला के पास अचानक बेकाबू हो गई। बस चालक को गाड़ी चलाते समय मिर्गी का दौरा पड़ गया और वह बेहोश होकर सीट से लटक गया। इस दौरान करीब 150 मीटर तक बस कभी सड़क पर, तो कभी खेतों में हिचकोले खाती हुई दौड़ती रही। बस में सवार करीब 50 यात्रियों की सांसें थम गईं।

इस बीच नागौर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात उपनिरीक्षक जयकिशन फुलवरिया ने हिम्मत दिखाते हुए दौड़ती बस का स्टेयरिंग संभाला, वहीं एक अन्य यात्री ने ब्रेक लगाकर बस को रोक दिया। इस तरह एक बड़ा हादसा टल गया। घटना के बाद यात्रियों को दूसरी बस से नागौर भेजा गया। सभी यात्री सुरक्षित हैं। चालक बक्सा राम को पंडित जवाहरलाल नेहरू राजकीय चिकित्सालय, नागौर में भर्ती कराया गया है।

अनफिट ड्राइवर को ड्यूटी पर भेजा गया
इस घटना ने रोडवेज प्रशासन की बड़ी लापरवाही को उजागर कर दिया है। बताया जा रहा है कि चालक बक्सा राम पहले भी कई बार मिर्गी के दौरे से पीड़ित हो चुका है और गाड़ी चलाते समय बेहोश होने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसके बावजूद उसे बार-बार ड्यूटी पर भेजा जा रहा था। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ यात्री तो उसे ड्राइवर सीट पर देखकर उस बस में बैठने से ही कतराते थे।

उपनिरीक्षक जयकिशन ने बचाई 40 यात्रियों की जान
बस में सवार उपनिरीक्षक जयकिशन फुलवरिया ने बताया कि वे अपनी पत्नी के साथ जोधपुर से दवा दिलाकर नागौर लौट रहे थे। सीट न मिलने पर वे ड्राइवर केबिन में बैठे थे। अचानक उन्होंने देखा कि चालक का सिर खिड़की से बाहर लटक गया और बस अनियंत्रित होकर सड़क पर डगमगाने लगी। इस पर उन्होंने तुरंत स्टेयरिंग संभाला और उनके पास बैठे एक यात्री ने ब्रेक लगाया। करीब 50 मीटर तक बस सड़क पर लहराने के बाद 100 मीटर तक खेतों में दौड़ी और फिर रुक पाई। यात्रियों ने ड्राइवर को तुरंत निजी वाहन से अस्पताल पहुंचाया। सभी यात्री इस घटना के बाद राहत की सांस लेते दिखे। बस हादसा टलने के बाद यात्रियों और स्थानीय लोगों ने उपनिरीक्षक जयकिशन फुलवरिया के साहस और सूझबूझ की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते उन्होंने स्टेयरिंग न संभाली होती तो बड़ा हादसा हो सकता था।

प्रशासन का पक्ष
मुख्य प्रबंधक रोडवेज नागौर मुकुंद सिंह, ने कहा कि मुझे लिखित में चालक के अनफिट होने की जानकारी नहीं दी गई। मेरा काम जनता की सेवा करना है, सफाई देना नहीं। वहीं, एमओ नागौर डिपो नेमाराम गोदारा ने बताया कि बक्सा राम को पहले भी दौरा पड़ा था, तब उसे ड्यूटी से हटा दिया गया था। बाद में उसने खुद को फिट बताया, तभी ड्यूटी पर भेजा गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button