मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाजीपुर और पटना को जोड़ने वाले निर्माणाधीन फोरलेन पुल का किया निरीक्षण

हाजीपुर
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को अचानक हाजीपुर पहुंच गए। उनके इस औचक दौरे से जिला प्रशासन पूरी तरह चौंक गया। मुख्यमंत्री के हाजीपुर आगमन की सूचना अधिकारियों को उस समय मिली जब वे लोकेशन से मात्र 15 मिनट की दूरी पर थे। आनन-फानन में वैशाली जिले के डीएम, एसपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मुख्यमंत्री को रिसीव करने महात्मा गांधी सेतु के पास पहुंच गए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाजीपुर और पटना को जोड़ने वाले ऐतिहासिक महात्मा गांधी सेतु के बगल में निर्माणाधीन फोरलेन पुल का स्थलीय निरीक्षण किया। उनके साथ पटना और वैशाली जिले के तमाम वरीय अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ और पुल निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियर भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने पुल की प्रगति पर संतोष जताते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और तय समय-सीमा में कार्य पूरा करने पर विशेष बल दिया।
पुल निर्माण का 60% कार्य पूरा, मार्च 2026 तक हो जाएगा तैयार
पुल निर्माण से जुड़ी एजेंसी ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि फोरलेन पुल का अब तक 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और मार्च 2026 तक इसके बनकर तैयार हो जाने की संभावना है। यह पुल पटना के जीरो माइल से शुरू होकर हाजीपुर के बीएसएनएल गोलंबर रामआशीष चौक तक फैला होगा। पुल की कुल लंबाई लगभग 14.5 किलोमीटर है और इसकी लागत 1794 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह नया फोरलेन पुल उत्तर बिहार को राजधानी पटना से जोड़ने के लिए एक वैकल्पिक और तेज मार्ग उपलब्ध कराएगा, जिससे जाम की पुरानी समस्या से काफी हद तक निजात मिलने की उम्मीद है।
नई योजना के तहत होगा ट्रैफिक संचालन
मुख्यमंत्री को बताया गया कि पुल का ट्रैफिक संचालन एक नई योजना के तहत किया जाएगा। निर्माण एजेंसी के अनुसार, इस नए फोरलेन पुल से वाहन पटना से हाजीपुर की दिशा में चलेंगे, जबकि मौजूदा महात्मा गांधी सेतु से वाहन हाजीपुर से पटना की दिशा में संचालित होंगे। इससे पुलों पर ट्रैफिक का दबाव समान रूप से विभाजित होगा और यातायात सुचारू बना रहेगा।
निर्माण कार्य में तेजी, अधिकतर ढांचागत काम पूर्ण
अधिकारियों ने जानकारी दी कि गंगा नदी के ऊपर मुख्य पुल के लिए किए जा रहे फाउंडेशन वर्क में 33 वेल कैप में से 24 वेल कैप बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि नौ पर कार्य जारी है। फ्लाईओवर से जुड़े निर्माण में 94% सब-स्ट्रक्चर और 90% सुपर-स्ट्रक्चर का काम भी पूरा हो चुका है। पटना के जीरो माइल से गायघाट तक पुल का बड़ा हिस्सा पहले ही तैयार हो चुका है।
बस शेल्टर और टोल प्लाजा से होगी सुविधाजनक यात्रा
पुल के दोनों ओर यात्रियों की सुविधा के लिए कई अन्य योजनाएं भी चल रही हैं। हाजीपुर के जढुआ के पास टोल प्लाजा बनाया जा रहा है, जबकि पटना की ओर दो और हाजीपुर की ओर चार बस शेल्टर बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही एडवांस ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया जाएगा, जिससे ट्रैफिक संचालन और निगरानी अधिक प्रभावी हो सकेगी।
स्थानीय जनता को मिलेगा बड़ा फायदा
मुख्यमंत्री ने पुल निरीक्षण के दौरान स्थानीय अधिकारियों से कहा कि इस परियोजना से उत्तर बिहार और राजधानी के बीच की कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी सुधार आएगा। यातायात जाम से त्रस्त लोगों को राहत मिलेगी और व्यापारिक, सामाजिक तथा प्रशासनिक आवागमन आसान होगा। मुख्यमंत्री के इस दौरे से यह स्पष्ट हो गया कि सरकार पुल निर्माण कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और समय पर इसे पूरा कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।