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गुरुग्राम की 12 सेक्टरों की टूटी सड़कें होंगी नई, नगर निगम खर्च करेगा 20 करोड़

गुरुग्राम 

गुरुग्राम के लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है। मानसून के दौरान क्षतिग्रस्त हुई शहर के 12 प्रमुख सेक्टरों की सड़कों की सूरत बदलने की तैयारी नगर निगम (एमसीजी) ने शुरू कर दी है। निगम ने इन सड़कों को दुरुस्त करने के लिए करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से एक व्यापक योजना बनाई है, जिसके टेंडर जारी कर दिए गए हैं।

बता दें कि मानसून के दौरान नगर निगम के सेक्टरों और कॉलोनियों की सड़कें छलनी हो गई थी। अब निगम की तरफ से इन सड़कों के निर्माण के लिए निगम ने एस्टीमेट तैयार करके टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। निगम अधिकारियों का दावा है कि नवंबर माह के पहले सप्ताह में इन सभी सड़कों के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसको लेकर 80 फीसदी सड़कों के निर्माण और मरम्मत के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। निगम की इस योजना में मुख्य रूप से सेक्टर-30, 42, 43, 55, 5, 16, 17ए, 41, और सेक्टर-34 की बदहाल सड़कों को दुरुस्त किया जाएगा। इन सेक्टरों में रहने वाले हजारों लोगों को इससे सीधा फायदा मिलेगा। सेक्टर 16 औद्योगिक क्षेत्र, सेक्टर 42, सेक्टर 43 (नाला), सेक्टर 43 (तुलसी पार्क), -सेक्टर 17ए, सुशांत लोक दो, सेक्टर-55, पालीवास से बंधवाड़ी, सेक्टर-47 (मॉडल रोड), सेक्टर-30, साउथ सिटी-1 (ब्लॉक सी), सेक्टर 5 (भाग-3 और 4), सेक्टर- 41 आदि में सड़कें बनेंगी।

गुरुग्राम नगर निगम ने सेक्टर 43 के निवासियों को बड़ी राहत देते हुए एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना शुरू की है। निगम ने व्यस्त गोल्फ कोर्स रोड के पास 18 मीटर चौड़ी सड़क के किनारे फुटपाथ के निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया है। यह कार्य नगर निगम के नए वार्ड संख्या 22 के अंतर्गत आता है। यह नया फुटपाथ निवासियों और छात्रों दोनों के लिए सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करेगा। फुटपाथ का निर्माण एचवीपीएनएल कार्यालय, गोल्फ कोर्स रोड से शुरू होगा और पारस अस्पताल रोड तक जाएगा। यह फुटपाथ गैलेक्सी अपार्टमेंट्स, एंबिएंस स्कूल और हरिजन कॉलोनी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से होकर गुजरेगा, जिससे इन इलाकों के निवासियों और स्कूल आने-जाने वाले छात्रों को सुरक्षित रास्ता मिल सकेगा। इस फुटपाथ निर्माण कार्य पर अड़तालीस लाख रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा।
लोगों को ये सुविधा मिलेंगी

सुगम आवागमन: टूटी और गड्ढों वाली सड़कों से मुक्ति मिलेगी, जिससे वाहनों का मेंटेनेंस खर्च कम होगा और आवागमन सुगम होगा।

सुरक्षा: सड़कों की गुणवत्ता सुधरने और नालों के निर्माण से शहर में जलभराव की समस्या खत्म होगी, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा कम होगा।

बुनियादी ढांचा: मॉडल रोड और फुटपाथ बनने से शहर का बुनियादी ढांचा सुधरेगा और पैदल यात्रियों को सुरक्षित रास्ता मिलेगा।

स्वच्छता: जल निकासी की बेहतर व्यवस्था से सड़कों पर गंदगी और जल जमाव की समस्या खत्म होगी, जिससे स्वच्छता बढ़ेगी। नगर निगम के इस कदम से उम्मीद है कि आगामी वर्षों में शहर की आंतरिक सड़कें उच्च गुणवत्ता वाली बनेंगी।

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