बिहार जीत के बाद भाजपा का ‘सफाई अभियान’ तेज, आरके सिंह पार्टी से निलंबित

पटना
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की जीत के अगले दिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया है। भाजपा ने उन्हें नोटिस भेजकर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर जवाब भी मांगा गया है। आरा से भाजपा के पूर्व सांसद और नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रह चुके आरके सिंह बीते लंबे समय से पार्टी में सक्रिय नहीं हैं। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते यह कार्रवाई की गई। भाजपा ने शुक्रवार को MLC अशोक अग्रवाल और कटिहार की मेयर उषा अग्रवाल को भी कारण बताओ नोटिस भेजा।
बिहार भाजपा की ओर से भेजे गए नोटिस में आरके सिंह से कहा गया कि उनकी गतिविधियां पार्टी के विरोध में है, इसे गंभीरता से लिया गया है। इसलिए उन्हें निलंबित करते हुए कारण पूछा जा रहा है, कि उन्हें पार्टी से निष्कासित क्यों न कर दिया जाए।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान आरके सिंह ने भाजपा नेताओं पर सवाल उठाए थे। उन्होंने सम्राट चौधरी को तारापुर से वोट नहीं देने की अपील भी की थी। आरके सिंह ने एनडीए द्वारा अनंत सिंह, विभा देवी समेत दागदार नेताओं को टिकट देने पर सवाल उठाए थे। इसके अलावा शाहाबाद क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा की चुनावी रैलियों में आरके सिंह नहीं नजर आए थे।
हालांकि, चुनाव के दौरान अपनी ही पार्टी और गठबंधन के नेताओं को घेरने वाले आरके सिंह पर भाजपा ने चुप्पी साधे रखी थी। चुनाव के दौरान उनपर कोई ऐक्शन नहीं लिया गया। जैसे ही इलेक्शन खत्म हुए और रिजल्ट आए, पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया।
फरवरी 2025 में आरके सिंह ने भोजपुर में एक कार्यक्रम के दौरान आरोप लगाया था कि भाजपा के कुछ नेताओं ने पैसा देकर भोजपुरी स्टार पवन सिंह काराकाट लोकसभा से निर्दलीय चुनाव लड़वाया था। उस चुनाव में काराकाट से एनडीए प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा की हार हुई थी। वहीं, आरा से अपनी हार की वजह भी आरके सिंह ने भाजपा के ही अंदर के नेताओं की साजिश बताई थी।



