उत्तर प्रदेशराज्य

शिवभक्तों के लिए बड़ी खबर: कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले बस करें यह काम, योगी सरकार से पाएं 1 लाख की मदद

लखनऊ 
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शिवभक्तों के लिए एक बड़ी राहत और प्रोत्साहन भरी घोषणा की है। कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को सरकार की ओर से ₹1 लाख की आर्थिक मदद दी जाएगी। इस सहायता का मकसद श्रद्धालुओं के खर्च को कुछ हद तक कम करना और उन्हें यात्रा के लिए प्रोत्साहित करना है।

कहां और कैसे करना होगा आवेदन?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, श्रद्धालु इस अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें धर्मार्थ कार्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट  www.updharmarthkarya.in पर जाकर आवेदन करना होगा।

कौन कर सकता है आवेदन?
वे यात्री जो भारत सरकार के माध्यम से आयोजित कैलाश मानसरोवर यात्रा में गए हैं। वे श्रद्धालु जो निजी स्रोतों या ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से यात्रा पूरी कर चुके हैं, वे भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं

आवेदन की समय सीमा
यात्रा पूरी करने के 90 दिन के भीतर ऑनलाइन आवेदन करना जरूरी है। अगर समय सीमा चूक गई, तो आवेदन अस्वीकार कर दिया जाएगा।
 
किन दस्तावेजों की जरूरत होगी?
ऑनलाइन आवेदन करते समय निम्न दस्तावेजों को अपलोड करना जरूरी है:
– नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो
– आधार कार्ड
– पैन कार्ड
– निवास प्रमाण पत्र
– पासपोर्ट और वीजा
– बैंक खाता विवरण (जिसमें पैसा भेजा जाएगा)
– यात्रा पूरी करने का प्रमाण पत्र और अन्य आवश्यक प्रमाण पत्र

ध्यान रखें: कोई भी आवेदन ऑफलाइन या फिजिकल रूप से स्वीकार नहीं किया जाएगा।

आवेदन की जांच और पैसा कैसे मिलेगा?
धर्मार्थ कार्य निदेशालय, लखनऊ द्वारा सभी दस्तावेजों की जांच की जाएगी। अगर सभी दस्तावेज सही पाए गए, तो 1 लाख रुपए की अनुदान राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाएगी। अगर आवेदन या दस्तावेजों में कोई गलती पाई गई तो आवेदन रद्द कर दिया जाएगा, और इसकी जानकारी मोबाइल या ई-मेल के जरिए दी जाएगी।

मृतक यात्री के मामले में क्या होगा?
यदि किसी यात्री की यात्रा के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसका पति/पत्नी या आश्रित व्यक्ति आवेदन कर सकता है। ऐसे मामलों में दस्तावेजों की जांच के बाद अनुदान देने पर विचार किया जाएगा।

प्रमुख सचिव ने क्या कहा?
धर्मार्थ कार्य विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि यह योजना शिवभक्तों को आर्थिक सहायता देने के साथ-साथ धार्मिक यात्रा को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

 

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