देश

EPFO ने नियम बदले: अब सिर्फ 1 महीने नौकरी करने पर भी मिलेगा पेंशन का अधिकार

नई दिल्ली

कर्मचारियों की पेंशन को लेकर ईपीएफओ ने एक बड़ा बदलाव किया है. अब छह महीने से कम तक भी नौकरी करके छोड़ने वाले व्‍यक्तियों को EPS का लाभ दिया जाएगा. इन लोगों को अब अपनी पेंशन में कंट्रीब्‍यूशन खोना नहीं पड़ेगा. 

रिटायरमेंट फंड जुटाने वाली संस्‍थान ने EPS नियम के तहत पहले कोई भी सर्विस, जो 6 महीने के अंदर खत्म होती थी उसे 'जिरो कम्‍प्‍लीट ईयर' के परिणाम में पेंशन मिलने के उपयोग नहीं मानती थी और 5 महीने तक नौकरी करके छोड़ने वालों को पेंशन का अधिकार नहीं दिया जाता था. हालांकि अब नए नियमों के तहत अप्रैल- मई 2024 के दौरान जारी किए गए एक सर्कुलर में ये अधिकार दे दिया गया है. 

ईपीएफओ ने स्पष्‍ट कर दिया है कि अगर कोई व्‍यक्ति 1 महीने की भी सेवा पूरी करता है और ईपीएस के तहत योगदान देता है तो उसे भी ईपीएस के तहत पेंशन का अधिकार होगा. 

क्या है EPFO का नया नियम?

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के नए नियम के मुताबिक, कोई व्यक्ति चाहे 1 महीने नौकरी करे, लेकिन यदि उसने EPS में योगदान किया है तो वह EPS पेंशन के लिए पात्र होगा। यानी पेंशन पाने का हक अब सेवा के पूरे साल की बजाय, योगदान के आधार पर तय किया जाएगा।

EPFO ने क्यों बदले नियम?

ईपीएफओ का यह फैसला उन सेक्टर्स के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जहां कम समय के लिए जॉब ऑफर की जाती है। मसलन, BPO, लॉजिस्टिक्स, अनुबंध (Contract) स्टाफिंग और शॉर्ट-टर्म प्रोजेक्ट्स में हर साल हजारों लोगों को चंद महीने बाद ही फायर कर दिया जाता है। फाइनेंस और सेल्स से जुड़ी जॉब भी ऐसे ही होती हैं। 

ये बदलाव क्‍यों था जरूरी? 
इस बदलाव से बहुत लोगों को राहत मिलने वाली है. खासकर बीपीओ, लॉजिस्टिक्स और अनुबंध स्टाफिंग को, जहां जल्दी निकासी सामान्य है. यह युवा कर्मचारियों को नौकरी के हितों की रक्षा करेगा. ये उन सभी के लिए काफी लाभदायक साबित होगा, जो काफी कम समय के लिए किसी कंपनी को ज्‍वाइन करते हैं. मान लीजिए अगर किसी ने एक महीने तक ही नौकरी की और फिर नौकरी नहीं कर पाए, फिर उसे पीएफ का पैसा तो मिल सकता है, लेकिन ईपीएस में कंट्रीब्‍यूशन समाप्‍त हो जाएगा. ऐसे में यह नियम उन कर्मचारियों के लिए लाभदायक होगा. 

इन सेक्टरर्स में छह माह से कम नौकरी करने वाले हजारों कर्मचारी EPS कंट्रीब्यूशन के बावजूद पेंशन से वंचित हो जाते थे। उनका EPS कंट्रीब्यूशन भी बेकार हो जाता था। नया नियम युवाओं और अनियमित कार्यबल के लिए एक बड़ी राहत होगी।

PF खाताधारक क्या करें?

आपने यदि किसी कंपनी में 6 महीने से कम नौकरी की है और EPS कंट्रीब्यूशन किया है। तो अपने PF पासबुक की जांच करें कि EPS कंट्रीब्यूशन दर्ज है या नहीं। अगर EPS हिस्सा नहीं दिख रहा तो 2024 के सर्कुलर का हवाला देते हुए EPFO को शिकायत करें। शिकायत करते समय पासबुक का स्क्रीनशॉट या PDF फॉर्मेट सेव कर लें।

पुराने नियमों में क्या था?

6 महीने से कम सेवा को शून्य पूर्ण सेवा वर्ष (Zero completed year) माना जाता था। ऐसे कर्मचारियों को EPS राशि निकालने की अनुमति नहीं होती थी, जिससे उनका योगदान वहीं अटक जाता था। यह प्रक्रिया न्यायसंगत नहीं मानी जा रही थी, क्योंकि योगदान देने के बावजूद अधिकार नहीं मिल रहा था।

एक्सपर्ट्स की राय

रिटायरमेंट प्लानिंग विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला पेंशन फंड की समावेशिता बढ़ाने वाला है और उन कर्मचारियों के हित में है, जिनका करियर शुरुआती दौर में अस्थिर होता है।

आप भी पीएफ खाताधारक हैं तो ये जान लीजिए 
अगर आपने 6 महीने के अंदर इस्‍तीफा दिया है तो EPS योगदान के लिए अपने PF पासबुक की जांच करें और अगर आपको पेंशन का हिस्सा नहीं दिया गया है, तो 2024 के स्पष्टीकरण का उल्लेख करते हुए EPFO को शिकायत करें. 

आवेदन करते वक्‍त अपने पासबुक का स्‍क्रीनशॉट या पीडीएफ सेव कर लें. अक्‍सर देखा गया है कि कम उम्र के सेवा वाले कर्मचारियों को ईपीएस फंड निकालने की अनुमति नहीं दी जाती थी, जिससे उनका कंट्रीब्‍यूशन वहीं फंसा रह जाता था, लेकिन ईपीएफओ के इस बदलाव ने इन लोगों को भी ये अधिकार दिया है. 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button