बिहार में धार्मिक पर्यटन को नई दिशा देने वाली प्रधानमंत्री की परियोजनाएं, रोजगार और आर्थिक विकास के अवसर सृजित होंगे: सम्राट चौधरी

* बुद्ध सर्किट को जोड़ने के लिए वैशाली से कोडरमा तक ट्रेन का परिचालन
* सिमरिया धाम तक बेहतर संपर्क सुविधा के लिए 1.86 किमी लंबा 6 लेन पुल
* मां जानकी मंदिर और बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय जैसे प्रोजेक्ट से पर्यटन को मिल रहा है बढ़ावा
* धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा, रोजगार और आर्थिक मजबूती की दिशा में सरकार का बड़ा कदमबुद्ध सर्किट को जोड़ने के लिए वैशाली से कोडरमा तक ट्रेन का परिचालन
* सिमरिया धाम तक बेहतर संपर्क सुविधा के लिए 1.86 किमी लंबा 6 लेन पुल
* मां जानकी मंदिर और बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय जैसे प्रोजेक्ट से पर्यटन को मिल रहा है बढ़ावा
* धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा, रोजगार और आर्थिक मजबूती की दिशा में सरकार का बड़ा कदम
पटना,
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया है कि बिहार में पर्यटन, खासकर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार सृजन और आर्थिक मजबूती की दिशा में सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 22 अगस्त को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी गयाजी में बिहारवासियों को 12,992 करोड़ रुपए की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे। इन परियोजनाओं में धार्मिक पर्यटन को विशेष महत्व दिया गया है, जिससे राज्य की संस्कृति, विरासत और पर्यटन क्षमता को नई पहचान मिलेगी।
रेल कनेक्टिविटी में सुधार के तहत वैशाली से कोडरमा तक ‘बुद्ध सर्किट’ की ट्रेन सेवा शुरू होगी, जो वैशाली, हाजीपुर, सोनपुर, पटना, फतुहा, राजगीर, नटेश्वर, गया होते हुए कोडरमा तक चलेगी। इससे बौद्ध धर्म से जुड़ी कई महत्वपूर्ण धरोहरों को जोड़ने में मदद मिलेगी और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। इसके साथ ही, सिमरिया धाम तक बेहतर संपर्क के लिए 1.86 किलोमीटर लंबा 6 लेन पुल राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर 1,870 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है, जिसका उद्घाटन भी प्रधानमंत्री करेंगे। यह पुल देश के प्रमुख तीर्थस्थल सिमरिया धाम और राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मभूमि तक आसान पहुंच सुनिश्चित करेगा।
धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में मां जानकी मंदिर का पुनौराधाम (सीतामढ़ी) में निर्माण भी महत्वपूर्ण पहल है, जिसका भूमिपूजन 67 एकड़ भूमि पर हुआ है, और इसकी लागत लगभग 882 करोड़ रुपए है। इसके अलावा, वैशाली में स्थित ‘बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप’ का लोकार्पण हो चुका है, जो पर्यटन को और बढ़ावा देगा।
रेल सेवाओं में सुलतानगंज-देवघर रेलमार्ग की भी घोषणा होने वाली है, जिससे श्रावणी मेले के दौरान करोड़ों श्रद्धालुओं को यात्रा में सुविधा मिलेगी। इस मार्ग पर अब तक ट्रेन सेवा नहीं थी।
इन पहलों से राज्य में पर्यटन की संख्या बढ़ेगी और इससे स्थानीय स्तर पर होटल, परिवहन, गाइड व सहायक सेवाओं समेत रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने से बिहार की नई पहचान बनेगी और प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
सम्राट चौधरी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार पर्यटन क्षेत्र में देखी जा रही तेजी आम जनता के लिए खुशहाली के नए द्वार खोल रही है। ये परियोजनाएं बिहार को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त प्रदेश बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी और रोजगार के अवसरों को व्यापक बनाएंगी।
* राजगीर एवं वैशाली में तीन पाँच सितारा होटलो निर्माण को मंजूरी दी गई
* पटना साहिब सहित सिख धर्म के प्रमुख स्थलों का पुनरुत्थान व सौंदर्यीकरण।
* पर्यटन नीति 2024 के तहत निवेश, रोजगार और अधोसंरचना को बढ़ावा।
* मुख्यमंत्री होमस्टे/बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहारा।
* चौसा के ऐतिहासिक मैदान का सौंदर्यीकरण
* 20 वर्षों में बिहार का पर्यटन बजट 7.43 करोड़ से बढ़कर 914.44 करोड़।
* रामायण सर्किट के स्थलों का कायाकल्प, वैश्विक स्तर पर मिल रही पहचान