शादी का झांसा देकर दैहिक शोषण : महिला आरक्षक का डिप्टी कलेक्टर पर गंभीर आरोप

बालोद
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक महिला आरक्षक ने डिप्टी कलेक्टर पर शादी का झांसा देकर बार-बार शारीरिक संबंध बनाने, जबरदस्ती गर्भपात करवाने और आर्थिक शोषण करने का गंभीर आरोप लगाया है। शिकायत में महिला ने यह बताया है कि उनका संबंध करीब आठ साल तक चलता रहा। इस दौरान उसने डिप्टी कलेक्टर को लाखों रुपये भी दिए। पीड़िता ने इस मामले की शिकायत डौंडी थाना में की है। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
महिला आरक्षक और डिप्टी कलेक्टर की जान-पहचान
डौंडी थाना में महिला आरक्षक ने शिकायत में बताया कि वर्ष 2017 में ग्राम अवारी, जिला बालोद निवासी दिलीप उईके के साथ वह डौंडी स्थित आईटीआई में पढ़ाई कर रही थी। एक साथ पढ़ाई करने के कारण हमारी बातचीत शुरू हुई, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। दिलीप ने उससे शादी का वादा किया और उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करना शुरू किया।
स्वजातीय होने के कारण और डौंडी में पढ़ाई के दौरान शारीरिक संबंध बनाने के कारण महिला मार्च 2017 में पहली बार गर्भवती हुई। जब उसने यह बात दिलीप को बताई, तो उसने कहा कि अभी वह पढ़ाई कर रहे हैं, पहले कुछ बन जाए और अपने पैरों पर खड़े हो जाएं, फिर शादी और बच्चे के बारे में सोचा जाएगा। इसके बाद उसने महिला को झांसा देकर जबरदस्ती दवा खिलाकर गर्भपात करवाया।
अगस्त 2017 में महिला की पुलिस विभाग में नौकरी लग गई और दिलीप उईके ने आगे की पढ़ाई के लिए दुर्ग साइंस कॉलेज में एडमिशन लिया। शुरुआत में वह हॉस्टल में रह रहे थे, बाद में किराये पर मकान लेकर रहने लगे। महिला की नौकरी लग जाने के कारण और भविष्य में दिलीप के साथ शादी करने की आशा में उसने उसकी पढ़ाई, कोचिंग और अन्य खर्चों के लिए हर माह 4-5 हजार रुपये उसके खाते में ट्रांसफर की। इस दौरान जब भी दोनों की मुलाकात होती, तो दिलीप शादी की बात कहकर महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा।
पीएससी परीक्षा में सफल होने के बाद वर्ष 2020 में दिलीप डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुआ और बीजापुर में पोस्टिंग हुई। नौकरी लगने के बाद जब महिला ने शादी के लिए कड़ा रुख अपनाया, तो उसने महिला को झांसा देते हुए कहा कि अभी नौकरी लगी है, जल्द ही अच्छे से सैटल हो जाऊं, फिर तुमसे शादी करूंगा और लगातार संबंध बनाते रहा।
पीड़िता ने बताया कि फरवरी 2023 में दिलीप ने उसके नाम पर मारुति कार (बेजा) खरीदी, जिसका वाहन क्रमांक CG 24T3967 है। फरवरी 2024 में दिलीप ने उसके नाम से लोन की बकाया राशि अपने खाते से महिला के खाते में ट्रांसफर करवाकर कार को अपने नाम पर ट्रांसफर कर लिया।
दिसंबर 2024 में वह महिला को अंडमान लेकर गया और 2 दिसंबर से 6 दिसंबर तक फिर से शारीरिक संबंध बनाया। लगभग एक माह बाद महिला को पता चला कि वह फिर से गर्भवती हूं। गर्भावस्था की जानकारी देने पर दिलीप ने मुझे बीजापुर बुलाया। जनवरी 2024 में महिला बीजापुर में दिलीप के शासकीय आवास में लगभग एक सप्ताह रही। उसी दौरान उसने शादी से पहले गर्भवती होने से समाज में होने वाली बदनामी का डर दिखाकर 13 जनवरी 2025 को जबरदस्ती गर्भपात की दवा खिलाई।
दवा लेने के कारण महिला की तबीयत खराब हुई। जब महिला ने शादी की मांग की, तो दिलीप ने महिला को मंदिर में शादी का आश्वासन दिया। इसके बाद भी फरवरी और मार्च 2025 में बार-बार शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया और महिला को आर्थिक रूप से भी प्रभावित किया। इस दौरान महिला ने बैंक से लोन लेकर कुल 3,30,000 रुपये दिलीप के खाते में ट्रांसफर किए।
मई 2025 में तीसरी बार गर्भवती होने पर भी उसने(दिलीप) शादी का झांसा देकर 15 मई 2025 को जबरदस्ती गर्भपात की दवा खिलाई। बार-बार फोन करने के बावजूद दिलीप ने जवाब नहीं दिया। 2 जून 2025 को दिलीप महिला को उसके घर छोड़कर गया और साफ-साफ कहा कि वह शादी नहीं कर सकता, तुम्हे जो करना है कर लो।
इस मामले में महिला आरक्षक की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। इस मामले में सीएसपी दल्लीराजहरा चित्रा वर्मा ने बताया कि डौंडी थाना क्षेत्र के एक गांव से लड़की का आवेदन प्राप्त हुआ है। मामला दर्ज कर बयान लिया जा रहा है। आगे की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी।
वहीं इस मामले में जब हमने बीजापुर में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर दिलीप उईके के मोबाइल नंबर ***35271 पर फोन लगाया तो उनकी तरफ से भी जवाब नहीं मिला।