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हरियाणा को राष्ट्रीय सम्मेलन की मेज़बानी पर गर्व: हरविन्द्र कल्याण का बयान

गुड़गांव
हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि जिस पावन धरती से भगवान श्रीकृष्ण ने संपूर्ण मानवता को गीता ज्ञान और कर्म का संदेश दिया, उसी धरती पर देशभर के राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के शहरी स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित होना, न केवल हरियाणा विधानसभा बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय है। यह राष्ट्रीय सम्मेलन विभिन्न राज्यों द्वारा अपनाई गई विकास की अच्छी प्रक्रियाओं के प्रसार में शहरी निकायों के लिए मार्गदर्शक बनेगा। विधानसभा अध्यक्ष गुरुवार को मानेसर में आयोजित देश के शहरी स्थानीय निकायों के प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन में स्वागत संबोधन कर रहे थे। 

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि यह दो दिवसीय सम्मेलन शहरी स्थानीय निकायों, पंचायती राज संस्थाओं, महिलाओं और युवाओं को समर्पित है। सम्मेलन में संवाद और चर्चा के माध्यम से जो अच्छी प्रक्रियाएं और नवाचार सामने आएंगे, उन्हें जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्रों में लागू करेंगे। हरियाणा की धरती पर मिले अनुभवों को देशभर में प्रसारित किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी बताया कि हाल ही में पटना में आयोजित राज्यों की विधानसभाओं के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में जो प्रस्ताव पारित किए गए थे, उनका समर्थन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने बजट भाषण में भी किया है। अपने स्वागत संबोधन में उन्होंने कहा कि विधायी संस्थाएं जिनमें संसद, विधानसभाएं, शहरी निकाय व पंचायतें मिलकर एक मजबूत लोकतंत्र का निर्माण करें इसी उद्देश्य को लेकर आज यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। यह पहल आने वाली पीढिय़ों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी और यहां से निकले विचार विधायिकाओं की भूमिका को सक्रिय, प्रभावी, सहभागी और जनहितकारी बनाने में सहयोग करेंगे। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण एवं उपाध्यक्ष डॉ.कृष्ण लाल मिड्ढा ने मुख्य अतिथि व अन्य अतिथियों को श्रीमद्भागवत गीता भेंट कर उनका अभिनंदन किया। 
  
शहरी निकाय अध्यक्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन में हरियाणा सरकार के शहरी निकाय एवं राजस्व मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय नागरिक सेवा एवं नागरिक संपर्क की प्रथम एवं अहम कड़ी है। उन्होंने कहा कि शहरी निकाय वह सरकार है जिनका जनता से सीधा सरोकार है। लोकतंत्र की सबसे छोटी नहीं बल्कि सबसे महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील इकाई हैं।

 

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