
जालंधर
नगर निगम जालंधर में बिना टैंडर के करोड़ों रुपए के कामों को करवाने वाले अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ विजिलेंस विभाग ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर रखी है। बीते दिनों स्टेट विजिलेंस ब्यूरो द्वारा नगर निगम के बिल्डिंग विभाग में छापेमारी करके भ्रष्टाचार के आरोप में ए.टी.पी. सुखदेव वशिष्ठ, इंस्पैक्टर हरप्रीत कौर और आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा की गिरफ्तारी के बाद अब जांच का दायरा और तेज कर दिया गया है।
आज विजिलेंस टीम ने नगर निगम के बी. एंड आर. (बिल्डिंग एंड रोड्स) और ओ.एंड एम. (ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस) सैल से जुड़े जूनियर इंजीनियर्स (जेईज) और सब डिविजनल ऑफिसर्स (एसडीओज) को अपने ऑफिस में बुलाकर बिना टैंडर करवाए गए कामों के संबंध में पूछताछ की। ये वो अधिकारी हैं जिन्होंने सिर्फ सैंक्शन के आधार पर पिछले तीन वर्षों में करोड़ों रुपए के कामों के एस्टीमेट तैयार किए और उन्हें चुनिंदा ठेकेदारों को देकर अंजाम तक पहुंचाया।
चुनिंदा ठेकेदारों से करवाए गए करोड़ों के काम
विजिलेंस की जांच का मुख्य फोकस पंजाब सरकार का ट्रांसपेरेंसी एक्ट 2022 है, जिसके तहत नगर निगम कमिश्नर को आपात स्थिति में 5 लाख रुपए तक के काम बिना टैंडर के, केवल कोटेशन के आधार पर करवाने का अधिकार है। लेकिन आरोप है कि इस प्रावधान का दुरुपयोग करते हुए बड़े स्तर पर फर्जी और गैर-जरूरी कामों को सैंक्शन के आधार पर पास किया गया, जिससे चहेते और चुनिंदा ठेकेदारों को अनुचित लाभ मिला।
विजिलेंस ने नगर निगम कार्यालय से बिना टैंडर हुए सैकड़ों कामों की लिस्ट और संबंधित दस्तावेज अपने कब्जे में ले रखे हैं। खास बात यह है कि विजिलेंस द्वारा पहले रिकार्ड इकट्ठा किए जाने के बाद भी निगम में सैंक्शन से जुड़ी कुछ फाइलों की पेमैंट की गई, कुछ काम फिर सैंक्शन आधार पर करवाए गए, जिस कारण विजिलेंस ने वह रिकार्ड भी तलब कर लिया है । जांच में सामने आया है कि हाल ही में भ्रष्टाचार कांड में फंसे ठेकेदार शिवम मदान को नगर निगम से करीब 40 लाख रुपए की पेमैंट की गई थी। यह भी सामने आया है कि कुछ ठेकेदारों ने अपनी दुकानें बंद कर रखी हैं लेकिन इधर-उधर से कोटेशन लाकर निगम से लगातार बड़े काम हासिल कर रहे हैं।
विजिलेंस ने अब उन सभी ठेकेदारों की लिस्ट तैयार करनी शुरू कर दी है जिन्होंने निगम अधिकारियों की मिलीभगत से नियमों को ताक पर रखकर काम हासिल किए। सूत्रों के अनुसार, अगर विजिलेंस इस घोटाले की तह तक पहुंचती है तो निगम के कई अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई संभव है।
नगर निगम दफ्तर में आज दिनभर विजिलेंस की कार्रवाई को लेकर हड़कंप मचा रहा। कर्मचारी और अधिकारी आपस में चर्चा करते रहे कि अब अगला नंबर किसका होगा। विजिलेंस अब अधिकारियों और ठेकेदारों के नैक्सस को उजागर करने की दिशा में जांच को आगे बढ़ा रही है। माना जा रहा है कि जालंधर नगर निगम में सैंक्शन के नाम पर हुए करोड़ों के कामों का मामला अब बड़ा घोटाला बनता जा रहा है। विजिलेंस की सख्त कार्रवाई से भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों और ठेकेदारों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। आने वाले दिनों में और बड़े खुलासों की संभावना है।
इस बीच पता चला है कि बर्ल्टन पार्क स्पोर्ट्स हब के उद्घाटन को लेकर भी कई काम सैंक्शन आधार पर करवाए गए परंतु अब ज्यादातर निगम अधिकारी बिना टैंडर होने वाले ऐसे कामों को करवाने और फाइलों को साइन करने में आनाकानी करने लगे हैं।