
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 में हुई आतंकी घटना के बाद पूरे देश में गुस्सा है। देश की जनता इस घटना को बॉर्डर पार आतंकवाद को अंजाम देने वाले पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात कह रही है।
सरकार ने इस घटना के बाद से ही कई मोर्चों पर एक साथ काम शुरू कर दिया है।इसी कड़ी में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हुई CCS की बैठक में पाकिस्तान पर डिप्लोमेटिक स्ट्राइक करते हुए मोदी सरकार ने कड़े फैसले लिए।
जिसमें 1960 में हुए सिंधु जल संधि समझौता जिसमें 80% पानी 6 सहायक नदियों के साथ पाकिस्तान में बिना किसी बाधा के जाता है जिसे अब रोका गया है। इससे पाकिस्तान में पानी के लिए समस्या पैदा हो जाएगी। वैसे भी पाकिस्तान के सिंध प्रांत में किसान नहर नहीं बनाने देने के लिए प्रदर्शन करते रहते है परंतु पानी की बड़ी समस्या पैदा हो जाने के बाद पाकिस्तान समस्या के समाधान को करने में असहाय हो जाएगा जिसका उसके पास कोई विकल्प नहीं बचेगा।
अटारी सीमा तत्काल बंद किया गया है।
पाकिस्तानी नागरिकों का सार्क स्कीम के तहत सभी वीजा रद्द किए गए।
पाक उच्चायोग से सैन्य सलाहकार हटाए गए , एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ना होगा।
राजनयिक मिशन की संख्या भी अब घट कर 30 रह जाएगी।
इस कूटनीतिक कार्रवाई के बाद राजनाथ सिंह के नेतृत्व में सरकार द्वारा 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।
राजनाथ सिंह जी ने कहा है कि इस कायराना आतंकी हमले में शामिल पर्दे के पीछे बैठे लोगों तक कार्यवाही करेंगे। क्या ये पाकिस्तान पर एक और सैन्य अभियान..? की ओर इशारा है ये तो आने वाला समय ही बताएगा वैसे भी इस बात का खुलासा कार्यवाही के बाद ही होता है। इसी डर के कारण पाकिस्तान में भी बैठकों का दौर जारी है।