2015 में लागू हुई मोदी सरकार की गोल्ड मुद्रीकरण योजना बंद।

नवंबर 2015 में मोदी सरकार द्वारा देश में घरों, मंदिरों, ट्रस्टों एवं अन्य संस्थाओं में रखे सोने को सरकारी गारंटी पर बैंकों में जमा करवाकर 2.25% से लेकर 2.50% तक ब्याज विभिन्न स्कीम के माध्यम से प्राप्त करने की योजना लागू की गई ।जिसे गोल्ड मॉनिटाइजेशन स्कीम नाम दिया गया। इस स्कीम में परिपक्व होने पर आप सोना या पैसे के रूप में प्राप्त कर सकते हैं।इस स्कीम के माध्यम से सोने को डेड फॉर्म से बाजार में लाना उद्देश्य था, जिससे सरकार बाहर से सोने के आयात की मांग को कुछ हद तक कम सके , इस संदर्भ में RBI द्वारा अध्यादेश लाया गया ।
10 वर्षो से चली आ रही इस स्कीम की तरफ उचित झुकाव नहीं होने के कारण अब इस योजना को बंद करने का निर्णय लिया गया है।देश में लगभग 20000 टन घरेलू सोने का भंडार है , जिसमें से मात्र 31 टन सोने को ही कुल 5693 लोगों द्वारा इस स्कीम में जमा कराया गया। इस योजना में जमा किए गए सोने को पिघलाकर छड़ के रूप में उपयोग करने की शर्त के कारण ही ये योजना फेल हो गई, इस समय घरेलू सोना आभूषण, मूर्ति या किसी नया रूप में है जिससे जुड़ाव बना रहता है और लोग या संस्थाएं इसके रूप को नहीं बदलना चाहती।