20 मार्च विश्व गौरैया दिवस (sparrow Day) विलुप्त होते अपने छोटे मित्र को बचाने की पहल।

इस भाग दौड़ की जिंदगी में अपने घरों के आस पास, पेड़ों में आपकी बालकनी में चिड़ियों की चहचहाने की आवाज को नजर अंदाज करते रहे पर फिर भी वो हमें एक सुकून देती रही। धीरे धीरे चहचहाना कम होता गया , आज कल तो हमारे जीवन का ये छोटा का दोस्त दिखाई भी नहीं दे रहा, जिसे हम गौरैया या sparrow के नाम से जानते है।
हमने अपनी सुविधा और भौतिकता की जरूरतों को पूरा करने की लालसा में न जाने कितने जीव, जंतु पक्षियों और जानवरों का घर और जीवन उनसे छीन लिया। बहुत से प्राकृतिक दोस्त तो आज विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके है।
गौरैया विलुप्त होने की कगार पर पहुंचने के कारण
तेज शोर और बढ़ता धुआं, आधुनिक निर्माण शैली जिसने उनका घर छीन लिया, कड़ी धूप में खाना , पानी और छांव की जरूरत को पूरा न कर पाना।
कैसे मदद कर सकते हैं
घर की छत या बालकनी में उनके लिए खाना, पानी रखे। लकड़ी के घोंसलों के इन्हें सुरक्षित जगह दे। कीटनाशक का कम से कम प्रयोग करें ताकि इनका भोजन जहर मुक्त रहे। आस पास ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधें लगाए ।
20 मार्च को sparrow day ke तौर पर मनाया जाता है ताकि अपने इस नन्हे दोस्त को बचाने का सफल प्रयास किया जा सके।लोगों का ध्यान इस ओर खींचा जा सके।