पंजाबराज्य

चुनाव ड्यूटी में शहीद हुए अध्यापक जोड़े के परिवार को मान सरकार की आर्थिक मदद, बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी उठाएगी सरकार

चंडीगढ़
 मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों के साथ हर सुख-दुख में एक मज़बूत चट्टान की तरह खड़ी है। मोगा जिले में चुनाव ड्यूटी के दौरान एक दर्दनाक सड़क हादसे में अपनी जान गंवाने वाले अध्यापक दंपति के प्रति गहरी संवेदना और सम्मान प्रकट करते हुए, राज्य सरकार ने न केवल 20 लाख रुपये की कुल वित्तीय सहायता राशि तुरंत जारी कर दी है, बल्कि पीड़ित परिवार के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने की भी बड़ी घोषणा की है। यह हृदयविदारक घटना उस समय घटी जब सरकारी अध्यापक जसकरण सिंह अपनी पत्नी कमलजीत कौर को चुनाव ड्यूटी पर छोड़ने जा रहे थे। 

मोगा के बाघापुराना क्षेत्र में घने कोहरे और कम दृश्यता के कारण उनकी गाड़ी अनियंत्रित होकर एक गहरी खाई में गिर गई। इस दुखद हादसे में दोनों अध्यापकों की असामयिक मृत्यु ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने तुरंत कदम उठाए और पंजाब विधानसभा के स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवा स्वयं पीड़ित परिवार के घर पहुंचे।

 परिवार के साथ दुख साझा करते हुए स्पीकर संधवा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार इन बच्चों को कभी बेसहारा नहीं छोड़ेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार इन बच्चों की शिक्षा का सारा खर्चा वहन करेगी ताकि उनके माता-पिता का सपना अधूरा न रहे। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।

पंजाब सरकार द्वारा दी गई यह त्वरित सहायता और बच्चों की शिक्षा का संकल्प केवल एक सरकारी औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह अपने कर्मयोगियों के प्रति सरकार के अटूट सम्मान और जिम्मेदारी का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि चुनाव प्रक्रिया को सफल बनाने में शिक्षकों का योगदान अतुलनीय है और उनके बलिदान को प्रदेश कभी नहीं भुला सकता।

विपक्षी दलों की केवल हवाई बयानबाजी के विपरीत, मान सरकार ने धरातल पर ठोस काम करके दिखाया है कि आम आदमी की सरकार वास्तव में जनता और कर्मचारियों के हितों के प्रति जवाबदेह है। संकट की इस घड़ी में सरकार की ओर से दिखाए गए इस मानवीय और संवेदनशील रुख ने राज्य के लाखों कर्मचारियों के भीतर यह विश्वास और गहरा किया है कि उनकी सेवा और सुरक्षा पंजाब सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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