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गुरुग्राम- फरीदाबाद में 10 साल पुराने वाहनों को एक नवंबर से नहीं मिलेगा पेट्रोल, जानें वजह

फरीदाबाद/गुरुग्राम
 हरियाणा के फरीदाबाद और गरुग्राम जिले में 10-15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों को 1 नंवबर से फ्यूल नहीं मिलेगा। सरकार की ओर से प्रदूषण कम करने के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन नहीं दिए जाने का फैसला लिया गया है। नियम सख्ती से लागू हो सके, इसके लिए 31 अक्टूबर तक पेट्रोल पंपों पर कैमरे लगवाने का फैसला लिया गया है। किस तरह नियम को सख्ती से लागू किया जाएगा, इसे लेकर सोमवार को अहम बैठक भी होनी है। बैठक के बाद स्थिति और साफ हो सकेगी। गुरुग्राम के पेट्रोल पंप संचालक मनीष यादव का कहना है कि फिलहाल कैमरे लगवाने के संबंध में कोई आदेश नहीं आए है। सरकार की जो प्लानिंग है, उसमें सहयोग किया जाएगा। एसडीएम परमजीत चहल ने बताया कि ओवरएज वाहनों को फ्यूल नहीं देने के मामले में सोमवार को बैठक है। इस बैठक में काफी चीजें साफ होंगी और कुछ बताया जा सकता है।

वहीं फरीदाबाद में ईंधन देने से रोकने के लिए जिले में संचालित हो रहे करीब 105 पेट्रोप पंपों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) कैमरे लगेंगे। 31 अक्टूबर तक की डेडलाइन है। ये आदेश कमीशन फॉर एयर क्ववालिटी मैनजमेंट (सीएक्यूएम) ने दिया है। ऐसी स्थिति में फरीदाबाद में दौड़ने वाले करीब तीन लाख पुराने वाहनों को तेल नहीं मिलेगा। सूत्रों की मानें तो पहले चरण में हरियाणा के तीन जिले फरीदाबाद, गुड़गांव और सोनीपत को कवर किया जाएगा। इसी मामले को लेकर सोमवार को चंडीगढ़ में ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के साथ परिवहन विभाग के अधिकारियों संग बैठक होगी। इसमें फरीदाबाद और गुड़गांव के आरटीए को शामिल होने के लिए बुलाया गया है। माना जा रहा कि बैठक में इस मुद्दे को लेकर गाइडलाइंस जारी की जा सकती है।

ईंधन भरने से करेंगे मना
ये सारी कवायद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही। कोर्ट के आदेश के अनुपालन में तथा दिल्ली-एनसीआर में चलने वाले ऐसे ईओएल (इंड ऑफ लाइफ) वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से सीएक्यूएम ने निर्देश जारी किए हैं। आयोग के मुताबिक पंप स्टेशनों पर स्थापित एएनपीआर कैमरों या अन्य ऐसी प्रणालियों के माध्यम से पहचाने गए सभी ईओएल वाहनों को 1 जुलाई से दिल्ली के में और 1 नवंबर से गुड़गांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत के जिलों में तथा 1 अप्रैल 2026 से शेष एनसीआर के अन्य जिलों में ईंधन भरने से मना किया जाएगा। सीएक्यूएम का कहना है कि यदि 30 अक्टूबर तक ये वाहन सड़कों से नहीं हटे तो इन्हें एक नवंबर से पेट्रोल पंपों पर डीजल अथवा पेट्रोल नहीं दिया जाएगा।

एंट्री पॉइंट पर ही कैप्चर करेगा कैमरा
आरटीए मुनीष सहगल ने बताया के पेट्रोल पंप पर लगे या लगने वाले एएनपीआर कैमरा किसी भी वाहन के पेट्रोल पंप पर एंट्री करते ही उसके नंबर प्लेट को कैप्चर करेगा। साफ्टवेयर के माध्यम से वाहनों की जानकारी मिलेगी। यदि वाहन 10 व 15 साल पुराने हो गए हैं तो उन्हें ईंधन देने से इंकार कर दिया जाएगा। क्योंकि ये साफ्टवेयर नंबर प्लेट को स्कैन करके वाहन डेटाबेस से जानकारी प्राप्त करते हैं। यदि वाहन की उम्र निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उसे चिह्नित करते हैं। इसके बाद, संबंधित अधिकारियों को अलर्ट भेजा जाता है। पेट्रोल डीलर्स असोसिएशन के पदाधिकारी मनमोहन गुप्ता ने बताया कि जिले में करीब 105 पेट्रोल पंप संचालित हो रहे हैं। सरकार की जो भी गाइडलाइंस होगी उसका पालन किया जाएगा।

अकेले 1.63 लाख वाहन आरटीए में रजिस्टर्ड
परिवहन विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो दस साल पुराने जिले में 1.63 लाख वाहन आरटीए में पंजीकृत हैं। ये सभी वाहन कमर्शल हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक डीजल वाहनों की बात करें तो दस साल पुराने 1 लाख 24 हजार वाहन पंजीकृत हैं। इनमें पेट्रोल के 3600 और सीएनजी के कुल 36000 वाहन हैं। इसके अलावा निजी वाहनों का पंजीकरण एसडीएम कार्यालयों में होता है। विभागीय सूत्रों की मानें तो फरीदाबाद और बल्लभगढ़ एसडीएम कार्यालयों में 10 और 15 साल पुराने पंजीकृत वाहनों की संख्या पौने दो लाख के करीब हैं। इनमें 42 से 45 फीसदी दोपहिया वाहन, 35 से 40 फीसदी कारें व शेष अन्य वाहन हैं।

मंत्रालय भी जता चुका हैं चिंता
आयोग के सूत्रों की मानें तो एनजीटी ने 7 अप्रैल 2015 के निर्देश दिया था कि 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को NCR में चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने भी 29 अक्टूबर 2018 के अपने आदेश में कहा कि ऐसे ईओएल वाहन एनसीआर में नहीं चलेंगे। इस मामले को लेकर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की हुई समीक्षा बैठकों में बार-बार व्यक्त की गई हैं। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली सचिवों की समिति ने भी 17 जनवरी 2024 को आयोजित अपनी बैठक में इस संदर्भ में बहुत धीमी प्रगति पर चिंता व्यक्त की।

27 लाख से अधिक वाहन हरियाणा के जिलों से कमीशन फॉर एयर क्ववालिटी मैनजमेंट के सूत्रों की मानें तो एनसीआर क्षेत्र में फरीदाबाद, गुड़गांव, पलवल, सोनीपत, पानीपत, नूंह, रोहतक, रेवाड़ी, जींद, भिवानी, करनाल, झज्जर, चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ज जिला आते हैं। इन जिलों में करीब 27 लाख 50 हजार से अधिक डीजल व पेट्रोल के 10 और 15 साल पुराने वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली में कुल 6114728, हरियाणा में 2750152, यूपी में 1269598 अइौर राजस्थान में 620962 वाहन ओवरएज हो चुके हैं।

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